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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान : आतंकवादी हमले में मृतकों की संख्या 148 हुई

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इस्लामाबाद| पाकिस्तान के पेशावर शहर में एक सैनिक स्कूल पर मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में मरने वालों की संख्या 148 हो गई है, जिनमें से अधिकतर छात्र हैं। सेना के जन सूचना निदेशक जनरल असीम बाजवा ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मृतकों में 132 छात्र तथा नौ स्कूल के कर्मचारी शामिल हैं। अन्य 122 छात्र घायल हो गए, आतंकवादियों से मुकाबला करने वाले नौ जवान भी घायल हुए।

समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, बाजवा ने बताया कि जिस वक्त हमला शुरू हुआ था, स्कूल परिसर में 900 से अधिक लोग थे।

पुलिस के प्रवक्ता सीद वली ने बताया कि सात तालिबान आतंकवादी सेना के भेष में पिछले दरवाजे से स्कूल परिसर में दोपहर के भोजनावकाश से कुछ समय पहले ही दाखिल हुए। उन्होंने हथगोले फेंके और गोलीबारी शुरू कर दी। वे एक-एक कक्षा में गए।

14 वर्षीय एक छात्र ने समाचार पत्र ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ को बताया कि दो लोग उसकी कक्षा में घुस गए और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।

पाकिस्तान की सेना ने स्कूल को आतंकवादियों के चंगुल से छुड़ाने के लिए अभियान चलाया, जहां कक्षा एक से 10वीं तक की पढ़ाई होती है। सुरक्षा बलों को हालांकि इस अभियान में मुश्किलों का सामना करना पड़ा, क्योंकि आतंकवादियों जगह-जगह विस्फोट रखे थे।

प्रशासन के मुताबिक, सैनिकों ने शाम 6 बजकर 20 मिनट पर आतंकवादियों पर जीत पा ली। टेलिविजन चैनलों की रिपोर्ट में घटनास्थल की भयावहता को दिखाया गया है।

बजवा ने बताया कि हमलावरों का उद्देश्य लोगों को बंधक बनाना नहीं था। उनका उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को मारना था।

स्कूल को आतंकवादियों के चंगुल से मुक्त कराने के बाद सेना ने पेशावर तथा आसपास के इलाकों में उनके खिलाफ अभियान चलाया।

पाकिस्तान के मुख्य तालिबान गिरोह तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि यह सेना द्वारा उनके खिलाफ चलाए गए अभियान का प्रतिशोध है।

पाकिस्तानी सेना के मुताबिक, खबर और उत्तरी वजीरिस्तान के इलाकों में उनके द्वारा चलाए गए अभियान में 1,100 से अधिक आतंकवादी मारे जा चुके हैं।

इस बीच, प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने स्कूल पर हमले को ‘राष्ट्रीय संकट’ घोषित करते हुए देश में तीन दिन के शोक की घोषणा की है। उन्होंने बुधवार को पेशावर में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक बुलाई।

अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने भी हमले की निंदा की है।

वहीं, शांति के लिए 2014 का नोबेल पुरस्कार पाने वाली पाकिस्तान की किशोर मानवाधिकार कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई ने कहा कि पेशावर में आतंक की इस बेतुकी व नृशंस कार्रवाई से वह बेहद दुखी हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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