अन्तर्राष्ट्रीय
सीरिया का रसायनिक हथियारों के इस्तेमाल से इनकार
दमिश्क, सीरिया देश में जारी संघर्ष के दौरान रासायिक हथियारों के इस्तेमाल से इनकार किया है।
सीरिया के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि देश में हिंसा के मौजूदा दौर के बीच रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
मंत्रालय की ओर से जारी बयान में संयुक्त राष्ट्र और रासायनिक हथियार निषेध संगठन (ओपीसीडब्ल्यू) की उस रिपोर्ट को खारिज किया गया है, जिसमें सीरिया के सुरक्षा बलों पर मार्च 2015 में इदलिब प्रांत में विद्रोहियों के खिलाफ गैस हमले के इस्तेमाल का आरोप लगाया गया है।
बयान के मुताबिक, “सीरिया सरकार रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों से इनकार करते हुए रायासनिक हथियारों के संबंध में हुई संधि से संबंधित बातों को मानने की प्रतिबद्धता पर जोर देती है।”
माना जाता है कि सीरिया के कई भागों में रायासनिक हथियार का पिछले कई वर्षो से इस्तेमाल हो रहा है। सरकार और विद्रोही एक-दूसरे पर इसका आरोप लगाते रहे हैं।
गौरतलब है कि 21 अगस्त, 2013 को दमिश्क के आसपास विपक्ष के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में रॉकेट हमलों में 1,400 लोगों की मौत हो गई थी। इन रॉकेटों में सरीन नामक रसायन था।
अक्टूबर 2013 में ओपीसीडब्ल्यू अधिकारी सीरिया के रासायनिक हथियारों के खात्मे की जांच के लिए दमिश्क पहुंचे थे, जिसके बाद सीरिया आधिकारिक दौर पर रासायनिक हथियार निषेध संधि में शामिल हुआ था।
इसके बाद ओपीसीडब्ल्यू ने कहा था कि सीरिया की सरकार ने अपनी रासायनिक हथियार उत्पादन इकाइयां निष्क्रिय कर दी हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत
नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।
इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।
उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।
डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
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