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आध्यात्म

साल 2018 में इन राशियों पर मंडरा सकता है भयानक खतरा, ये हैं सुबूत

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नई दिल्ली। साल 2018 आने में बस कुछ पल और बचे हैं। ऐसे में सभी ने न्यू ईयर सेलिब्रेट करने की पूरी की पूरी तैयारी कर ली है, लेकिन क्या आपको पता है साल 2018। जहां एक तरफ सभी के लिए खुशियों की बौछार तो ला ही रहा है। साथ ही साथ इस साल कुछ राशियों पर इसका दुष्प्रभाव भी पड़ने वाला है।

ज्योतिषों के अनुसार आज हम आपको उन राशियों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनपर साल 2018 थोड़ी मुसीबतें भी ला सकता है।

कन्या राशि

वर्ष के दौरान आपकी राशि से चौथे स्थान पर शनि का भ्रमण आपको शनि की ढाई वर्ष की पनौती के बंधन में रखेगा। दूसरे स्थान में से हो रहा गुरु का भ्रमण आपकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाएगा। धनलाभ होगा। आमदनी के स्रोतों में वृद्धि होने से बैंक बैलेंस बढ़ेगा। चर संपत्ति में वृद्धि होगी।

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गुरु की सातवीं दृष्टि के आठवें स्थान पर होने से आपको बाप-दादाओं की संपत्ति मिल सकती है। ग्यारहवें स्थान पर राहु का भ्रमण शेयर और सट्टे के क्षेत्रों में किए गए इन्वेस्टमेन्ट का अच्छा फल नहीं मिलने देगी। बेनामी आमदनी और अनैतिक मार्गों से धंधे में फायदा  मिलेगा। ग्यारहवें स्थान में राहु का भ्रमण आपको शेयर और सट्टेबाजी के क्षेत्रों से एक अच्छा फल मिलने नहीं देगा।

तुला राशि

वर्ष के दौरान गुरु आपकी राशि से दूसरे भाव पर भ्रमण करने से आप महत्वाकांक्षी बनेंगे। इस वर्ष के दौरान शनि के आपकी राशि से भ्रमण से आप महत्वाकांक्षी बनेंगे। इस वर्ष के दौरान शनि का आपकी राशि से तीसरे स्थान में भ्रमण  आपको धनलाभ कराएगा। इस वर्ष आकस्मिक रुप से जमीन, मकान लेने के योग बनेंगे। आपकी राशि से दसवें भाव में राहु का होना कामकाज में आर्थिक नुकसान का संकेत देता है।

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दिनांक 08/03/2018 से 02/05/2018 के दौरान शनि-मंगल धनु राशि में साथ-साथ रहने वाले हैं। इसमें से एक तो द्रुत गति का और दूसरा सबसे धीमी गति का ग्रह है। इस युति के कारण आपकी दुविधाएं बढ़ जाएंगी। काम पूरा नहीं क्यों हो पा रहा है ये नहीं समझ में आएगा।

वृश्चिक राशि

आपकी राशि से बारहवें स्थान पर गुरु का भ्रमण भाग्य का साथ मिलने में रोड़े डालेगा। इस वर्ष के दौरान शनि की पनौती का तीसरा चरण प्रसार होने जा रहा है। गुरु के बारहवें में होने से आपकी आय से ज्यादा व्यय रहेगा। अविचारित खर्च रहने की संभावना है। धार्मिक और चिकित्सकीय खर्च की संभावना है। शनि के दूसरे स्थान में होने से यह आपको धन जमा नहीं करने देगा।

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आपकी आय धीमी ही सही पर एक निश्चित गति से होती रहेगी। नवम भाव में राहु का भ्रमण अनेक विघ्नों के पश्चात सफलता देगा। किस्मत आपकी उन्नति की राह में संघर्ष की स्थिति पैदा करेगा। कुटुंब में संपत्ति से संबंधित कन्फ्यूजन पैदा करेगा। विवादों का शांति से निपटारा करें। खर्चों पर भी लगाम रखने की सलाह है। दिनांक 12-10-2018 के पश्चात कुछ राहत मिलेगी। कारण यह है कि गुरु आपकी राशि में आएागा और सातवें स्थान पर इसकी दृष्टि पड़ेगी जिससे आमदनी के नए साधन पैदा होंगे।

धनु राशि

इस वर्ष के दौरान शनि के आपकी राशि से प्रसार होने से आपकी भाग्योन्नति हेतु संघर्ष का समय कहलाएगा। आजीविका के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। मेहनत के अनुपात में कम फल मिले तो उसी में संतुष्टि प्राप्त करें। गुरु के आपकी राशि से ग्यारहवें भ्रमण करने से अटके कार्य फिर से शुरु होंगे। आपकी आर्थिक स्थिति हेतु गुरु का भ्रमण लाभाकारी कहा जाएगा। मिल्कियत खरीदने हेतु शुुरुआत में आर्थिक समस्या महसूस होगी जिसका समय व्यतीत होने पर निवारण आ जाएगा।

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इस समय आपकी कमाई होगी। इनकम से ज्यादा व्यय होने से हाथ में पैसे रहने की उम्मीद कम मानिए। वसीयत की संपत्ति मिलने की संभावना है। 08/03/2018से 02/05/2018 के दौरान मंगल व शनि की युति होगी। इस दौरान लिए जाने वाले फैसलों में दुविधा की स्थिति व्याप्त होगी। निवेश संबंधी निर्णय लेने हेतु यह समय ठीक नहीं। इसके उपरांत, आपके धन स्थान के केतु के कारण अपने आर्थिक व्यवहारों का लिखित तरीके से हिसाब-किताब रखें अन्यथा चीटिंग अथवा विश्वासघात के शिकार हो सकते हैं।

मकर राशि

वर्ष के दौरान आप साढ़ेसाती के पहले चरण में रहेंगे। आपकी राशि से बारहवें स्थान में भ्रमण कर रहा शनि आर्थिक मामलों में आपसे मेहनत तो खूब करवाएगा पर वांछित परिणाम नहीं देगा। आपके लिए निराशाजनक स्थिति कहलाएगी। गुरु का आपकी राशि से दसवें स्थान में भ्रमण करना वर्ष दौरान नए मकान अथवा स्थायी संपत्ति मिलने का योग बनाएगा।

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दिनांक 12-10-2018 के बाद गुरु का आपकी राशि से ग्यारहवें स्थान में आने से आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। आपके लाभ में वृद्धि हो सकती है। निजानंद, भौतिक सुख और आरामतलब जीवन की कल्पना लिए आप नए-नए गैजेट्स अथवा वाहन की खरीदी करने की संभावना रहेगी। गुरु के ग्यारहवें स्थान में आने से आप भूतकाल में लिए गए कर्जों को अब चुका सकेंगे।

 

 

 

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आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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