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सरकार 25 दिसंबर से 100 दिनों का सुशासन अभियान चलाएगी
नई दिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार ‘सुधार, प्रदर्शन एवं बदलाव’ के मंत्र के साथ देश में रूपांतरणीय बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस विजन को भारत सरकार के कैलेंडर 2017 में दर्शाया गया है। इस कैलेंडर की थीम यह है- मेरा देश बदल रहा है, आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने भारत सरकार का कैलेंडर 2017 जारी करने के अवसर पर भारत में प्रेस संबंधी रिपोर्ट 2015-16 भी जारी की, जिसे भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक ने तैयार की है। सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
नायडू ने यह भी घोषणा की कि सरकार इस साल 25 दिसम्बर से सुशासन की थीम पर देश भर में 100 दिनों का एक अभियान चलाएगी। इस दौरान मंत्रीगण एवं सांसद देश भर की यात्रा कर सरकार के उन महत्वपूर्ण कदमों पर प्रकाश डालेंगे जो पिछले ढाई वर्षो में उठाए गए हैं। सुशासन दिवस पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस पर मनाया जाता है।
इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि सरकार वितरण प्रणालियों की बेहतरी के लिए प्रयासरत है और इसके साथ ही डिजिटल बदलाव को बढ़ावा देने तथा सभी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी क्रांति को आगे बढ़ाने की जरूरत है।
नायडू ने कहा कि प्रिंट मीडिया क्षेत्र में बदलते आयामों के मद्देनजर नीतियों को अद्यतन करने की जरूरत के परिणामस्वरूप आरएनआई के लिए एक मजबूत तंत्र विकसित किया गया है, ताकि देश में प्रकाशनों की अद्यतन सूची को बनाए रखा जा सके। इस तंत्र के विकसित होने से अवैध प्रकाशनों को समाप्त करने में भी मदद मिली, जो कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए अड़चन साबित हो सकते हैं।
नई प्रिंट विज्ञापन नीति की रूपरेखा का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि डीएवीपी में समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं के पैनल के लिए सकुर्लेशन सत्यापन प्रक्रिया की व्यवस्था इसमें की गई है। इस प्रक्रिया में आरएनआई द्वारा प्रमाणन शामिल है, बशर्ते कि सकुर्लेशन प्रति प्रकाशन दिवस पर 45,000 प्रतियों से अधिक हो जाए।
मंत्री ने कहा कि भारतीय प्रिंट उद्योग ने पिछले वर्ष के मुकाबले 5.13 प्रतिशत की स्थिर दर से अपनी विकास गाथा को बरकरार रखा। वर्ष 2015-16 के दौरान कुल मिलाकर 5,423 नये प्रकाशनों का पंजीकरण कराया गया और पंजीकृत प्रकाशनों की कुल संख्या 31 मार्च, 2016 को 1,10,851 दर्ज की गई।
सकुर्लेशन वार ब्यौरा देते हुए नायडू ने कहा कि हिंदी प्रकाशनों ने प्रति प्रकाशन दिवस पर 31,44,55,106 प्रतियों के साथ अपनी अगुवाई का क्रम जारी रखा। इसके बाद प्रति प्रकाशन दिवस पर 6,54,13,443 प्रतियों के साथ अंग्रेजी प्रकाशनों और 5,17,75,006 प्रतियों के साथ उर्दू प्रकाशनों का स्थान रहा।
इससे पहले नायडू ने भारत सरकार का डिजिटल कैलेंडर 2017 एप भी लांच किया। उन्होंने कहा कि कैलेंडर एप को गूगल प्ले स्टोर से नि:शुल्क डाउनलोड किया जा सकता है। भारत सरकार के कैलेंडर में हर महीने एक विभिन्न थीम के साथ सरकार की प्रमुख योजनाओं एवं पहलों को दशार्या गया है। इसका ब्योरा नीचे दिया गया है:
* जनवरी : युवाओं के नेतृत्व में विकास के लिए स्किलिंग इंडिया
* फरवरी : गरीबों का सशक्तिकरण
* मार्च : सशक्त नारी, सशक्त भारत
* अप्रैल : बुनियादी ढांचे के निर्माण के जरिए अत्याधुनिक भारत
* मई : एमएसएमई : भारत की आर्थिक रीढ़
* जून : किसान: हमारे देश के पालनकर्ता
* जुलाई : ग्रामीण विद्युतीकरण : हर घर को रोशन करना
* अगस्त : सशस्त्र बल: राष्ट्र के गौरव
* सितम्बर : कैशलेस लेन-देन
* अक्टूबर : स्वच्छ भारत: स्वच्छता पर नया जोश
* नवम्बर : भ्रष्टाचार मुक्त गवर्नेंस
* दिसम्बर : सुगम्य भारत
नेशनल
अरविंदर सिंह लवली बीजेपी में शामिल, हाल ही में दिया था कांग्रेस से इस्तीफा
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को एक एक बाद एक झटके लग रह हैं। अब दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली बीजेपी में शामिल हो गए हैं। लवली के अलावा कांग्रेस के पूर्व विधायक राज कुमार चौहान, नसीब सिंह, नीरज बसोया और पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष अमित मलिक दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में भाजपा में शामिल हुए। सभी कांग्रेसी नेताओं ने दिल्ली बीजेपी मुख्यालय में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
अरविंदर सिंह लवली ने हाल में ही दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. लवली कांग्रेस द्वारा आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने के खिलाफ थे। वह पहले भी बीजेपी में रह चुके हैं। इससे पहले 2017 में दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले लवली बीजेपी में शामिल हुए थे लेकिन कुछ महीने में ही कांग्रेस में वापसी कर ली थी।
गौरतलब है कि दिल्ली में लोकसभा का चुनाव कांग्रेस आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के तहत लड़ रही है. कांग्रेस तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि आम आदमी पार्टी चार सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रही है. ऐसे अरविंदर सिंह लवली समेत पूर्व विधायक राजकुमार चौहान, नसीब सिंह, नीरज बसोया और पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष अमित मलिक के बीजेपी में चले जाने से कांग्रेस के लिए आगे की राह मुश्किलों भरी हो सकती है.
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