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उप्र: समाजवादी पार्टी में कौएद का हो सकता है विलय!

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समाजवादी पार्टी

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समाजवादी पार्टीलखनऊ| उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) और कौमी एकता दल (कौएद) के विलय को लेकर एक बार फिर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। सपा सूत्रों के मुताबिक, निर्दलीय विधायक मुख्तार अंसारी और कौएद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद अफजाल अंसारी को सपा में शामिल करने पर मुलायम सिंह शाम तक फैसला ले सकते हैं।

ज्ञात हो कि कौमी एकता दल का 21 जून को समाजवादी पार्टी में शिवपाल यादव ने विलय कराया था जो रद्द हो गया था। हालांकि, उस समय पार्टी के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी सपा में शामिल नहीं हुए थे। उस समय कहा गया था कि अखिलेश यादव इस विलय के पक्ष में नहीं थे।

कौमी एकता दल के सपा में विलय के बाद मुलायम सिंह यादव के परिवार में विवाद भी हो गया था। इस फैसले से नाराज अखिलेश यादव को मनाने के लिए शिवपाल यादव उनके घर पहुंच गए थे। इसके बाद मुलायम भी बेटे अखिलेश के फैसले से नाराज हो गए थे। लेकिन अखिलेश ने पार्टी इमेज को देखते हुए कौमी एकता दल से किनारा कर लिया था और पार्टी ने विलय रद्द कर दिया था।

तब हालांकि शिवपाल ने कहा था कि पार्टी के विलय में केवल अफजाल अंसारी और उनके भाई सिगबतुल्ला अंसारी को शामिल किया है न कि मुख्तार अंसारी को। सपा और कौमी एकता दल के विलय पर उन्होंने कहा कि कौमी एकता दल मुख्तार की पार्टी नहीं है। पार्टी के अध्यक्ष अफजाल अंसारी हैं।

उल्लेखनीय है कि बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी साल 1996 में मऊ सीट से बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। साल 2002 और 2007 के विधानसभा चुनाव में भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत हासिल की। साल 2012 के चुनाव के पूर्व मुख्तार ने कौमी एकता दल का गठन किया। कौमी एकता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्तार के बड़े भाई पूर्व सांसद अफजाल अंसारी हैं।

हालांकि कौएद के पदाधिकारी न तो इसकी पुष्टि कर रहे हैं और न ही इसका खंडन कर रहे हैं। कौएद के राष्ट्रीय सचिव जयगोबिंद राय ने कहा कि अभी इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जो भी कदम उठायेंगे उसे कार्यकर्ता स्वीकार करेंगे।

नेशनल

भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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