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नेशनल

सभी धर्मो, समुदायों के बीच खुली बातचीत हो : भारत

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संयुक्त | भारत ने विश्वभर में मानवाधिकारों की मजबूती और बढ़ावा देने के लिए सभी धर्मो और सभ्यताओं के लोगों के बीच गैर-सैद्धांतिक और खुली बातचीत का आह्वान किया।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के कार्यवाहक स्थायी प्रतिनिधि बी.एन.रेड्डी ने मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में मंगलवार को कहा, “सभी धर्मो, सभ्यताओं और संस्कृति के लोगों के बीच विभिन्न राष्ट्रीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए खुली और रचनात्मक वार्ता सांस्कृतिक समझ, सहिष्णुता और विविधता के प्रति सम्मान को बढ़ावा देगी।” उन्होंने कहा, “यह व्यावहारिक और गैर-सैद्धांतिक रवैया मानवाधिकार को बढ़ावा देने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में योगदान दे सकता है।” रेड्डी ने भारत और समान सोच वाले 27 देशों की तरफ से यूनएचआरसी की ‘इनहैंसिंग इंटरनेशनल कोऑपरेशन इन द फील्ड ऑफ ह्यूमन राइट्स’ की बैठक में यह बात कही।

इस समूह में पाकिस्तान और रूस, चीन, सऊदी अरब एवं वेनेजुएला शामिल हैं। मानवाधिकार पर पूर्णतावादी रवैये को पेश करते हुए रेड्डी ने कहा कि विश्व में चुनौती गरीबी और असमानता के कारण बढ़ रही है और उन्होंने विकास के अधिकार के आधार से जुड़े रवैये को अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “सुरक्षा, विकास और मानवाधिकार पारस्परिक रूप से एक-दूसरे पर निर्भर और आपस में जुड़े हुए हैं और उन्हें अलग-अलग करके नहीं देखा जा सकता।” रेड्डी ने कहा, “विकास का अधिकार आधारित रवैया अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और मानवाधिकारों की चुनौतियों से व्यापक रूप से निपटने का सही प्रारूप तैयार करने और संयुक्त राष्ट्र व्यवस्था के तीनों स्तभों को मजबूत करने में मदद करेगा।”

विकास का अधिकार घोषणा-पत्र 1986 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंगीकार किया था, जिसके तहत सभी को आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक विकास में हिस्सेदारी करना और योगदान देना होगा और इसका लाभ उठाना होगा, ताकि सभी मानवाधिकार और मौलिक स्वतंत्रता को पूरी तरह महसूस किया जा सके। रेड्डी ने कहा कि यूएनएचआरसी को घोषणापत्र को प्राथमिकता देने के लिए कदम उठाना होगा।

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दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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