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संदिग्ध हालात में सडक़ पर मिला IAS का शव, परिजनों को हत्या की आशंका

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को मीराबाई मार्ग स्थित वीआइपी गेस्ट हाउस में ठहरे कर्नाटक के आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी (36) की बुधवार सुबह संदिग्ध हालात में मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक, हालांकि पूरे मामले की जांच अभी चल रही है, जल्द ही सच्चाई सामने आ जाएगी। लेकिन परिजनों ने उनकी हत्या की आशंका जताई है।

पुलिस के अनुसार, मूलरूप से बहराइच के निवासी अनुराग कर्नाटक के नगवार में डायरेक्टर (फूड एंड सप्लाई) के पद पर तैनात थे। वर्ष 2007 बैच के आईएएस अधिकारी अनुराग का बुधवार को ही जन्मदिन था और उन्हें विमान से वापस कर्नाटक जाना था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

पुलिस के अनुसार, बहराइच के कानूनगोपुरवा निवासी अनुराग तिवारी रविवार को लखनऊ आए थे और यहां वीआइपी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 19 में ठहरे थे। कमरा एलडीए वीसी प्रभु नारायण सिंह के नाम बुक था। मंगलवार रात दोनों अधिकारी कमरा नंबर 19 में ही ठहरे थे।

हजरतगंज के इंस्पेक्टर आनंद शाही के मुताबिक, लखनऊ विकास प्राधिकारण (एलडीए) के वीसी ने सुबह 6.30 बजे का अलार्म लगाया था। वह बुधवार सुबह जब जागे, तब अनुराग कमरे में नहीं थे।

शाही के मुताबिक, एलडीए वीसी ने पुलिस को बताया कि उन्हें लगा कि अनुराग टहलने गए हैं। वह सुबह करीब 6.45 बजे बैडमिंटन खेलने चले गए थे और कमरे की चाबी रिसेप्शन पर दे दी थी, ताकि अनुराग के वापस आने पर उन्हें मिल जाए।

पुलिस को सुबह करीब छह बजे किसी ने 100 नंबर पर वीआइपी गेस्ट हाउस के पास एक व्यक्ति के बीच सडक़ पर पड़े होने की सूचना मिली। तब मौके पर पहुंची पुलिस अनुराग को उठाकर सिविल अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पर्स से मिले विजिटिंग कार्ड के जरिए अनुराग की पहचान होने पर हडक़ंप मच गया। आईएएस अधिकारी का शव मिलने की सूचना पाकर आईजी, डीएम, एसएसपी सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और छानबीन में जुट गए।

अनुराग के पिता डीएन तिवारी डिग्री कॉलेज के सेवानिवृत प्रोफेसर हैं। उनके दो बड़े भाई आलोक व मयंक इंजीनियर हैं। पुलिस मामले की तह तक पहुंचने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।

इधर, बहराइच से आई अनुराग की भाभी सुधा तिवारी ने कहा कि अनुराग इतनी सुबह सोकर नहीं उठते थे। वह सुबह टहलने जाने के भी आदी नहीं थे। वह किन हालात में सुबह सडक़ पर पहुंचे और उनकी मौत हो गई, इन परिस्थितियों को लेकर घरवाले सवाल उठा रहे हैं।

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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