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अन्तर्राष्ट्रीय

श्रीलंकाः राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव, परिणाम शुक्रवार को

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कोलंबो| श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए गुरुवार सुबह शुरू हुआ मतदान जारी है। अब तक लाखों मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है। इस चुनाव में महिंदा राजपक्षे को विपक्षी गठबंधन पार्टी के मैत्रिपाला सिरिसेना चुनौती दे रहे हैं। विभिन्न मीडिया रिपोर्टो के अनुसार, इस द्वीप देश में अधिकांश मतदान केंद्रों में महिला एवं पुरुष मतदाताओं को लंबी कतार लगी हुई है। अधिकारियों ने 80 फीसदी से अधिक मतदान की संभावना जाहिर की है।

 

तमिल बहुल उत्तरी शहर प्वाइंट प्रेडो में ग्रेनेड हमले को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण तरीके से जारी है। राजपक्षे लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी सरकार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सिरिसेना न्यू डेमोक्रेटिक फ्रंट से उम्मीदवार बनाए गए हैं। यह सभी विपक्षी पार्टियों का गठबंधन है। करीब 1.45 करोड़ लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। चुनाव परिणाम की घोषणा शुक्रवार को की जाएगी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, लाखों लोग नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान केंद्र पहुंचे। अधिकारियों ने बताया कि श्रीलंका के अधिकांश हिस्से में तेजी से मतदान हुआ है।

 

लिट्टे के पूर्व गढ़ उत्तरी शहर किलिन्नोची में 25 फीसदी से अधिक मतदान हुआ है। श्रीलंका में मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ। मतदान के शुरुआती घंटों में कोलंबो के नजदीकी मतदान केंद्रों में 50 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। चुनाव निगरानी कर रहे समूह और अधिकारियों ने जाफना प्रांत के प्वाइंट प्रेडो में ग्रेनेड हमले की जानकारी दी है। विस्फोट से लोगों के मन में डर पैदा हो गया, लेकिन इससे कोई हताहत नहीं हुआ है। चुनाव की निगरानी कर रहे समूह कैंपेन फार फ्री एंड फेयर इलेक्शन (सीएएफएफई) ने कहा कि ग्रेनेड हमला मतदान केंद्र से 800 मीटर दूर हुआ।

 

सीएएफएफई के कार्यकारी निदेशक कीर्ति तेन्नाकून ने कहा कि विस्फोट के बाद लोग मतदान केंद्र से भाग गए। हालांकि वे बाद में आए मतदान में हिस्सा लिया। सेंटर फार मॉनिटरिंग इलेक्शन वायलेंस (सीएमईवी) ने कहा कि सिन्हली बहुल दक्षिण हिस्से में तेज गति से मतदान हो रहा है। इस समुदाय से दोनों मुख्य उम्मीदवार ताल्लुक रखते हैं। उत्तरी तमिल बहुल इलाके में पहले कुछ घंटों में मतदान की गति धीमी रही। राजपक्षे लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ रहे हैं और अधिकांश विश्लेषक उनकी आसान जीत की संभावना व्यक्त कर रहे हैं। इधर, सिरिसेना ने नवंबर में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और उन्हें विपक्षी दलों ने अपना उम्मीदवार बनाया।

 

उन्होंने सुशासन और राष्ट्रपति के मौजूदा अधिकारों को कम करने का वादा किया। राजपक्षे अभी भी कई सिन्हली इलाकों में लोकप्रिय हैं, लेकिन उनकी सरकार भ्रष्टाचार, मानवाधिकार और परिवारवाद के मुद्दे से घिरी हुई है। सीएमईवी ने कहा कि मतदान पत्र पर कई कलम के इस्तेमाल की छिटपुट घटना सामने आई है। निर्वाचन आयुक्त महिंदा देशप्रिया ने कहा कि उनके विभाग द्वारा जारी किए गए कलम का ही इस्तेमाल मतदान के लिए होना चाहिए। सीएमईवी ने कहा कि कुछ मतदाताओं ने पाया कि कुछ मतदान केंद्रों पर पेन की जगह पेंसिल जारी किए गए थे। चुनाव में राजपक्षे और सिरिसेना के अलावा कुल 17 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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