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मनोरंजन

‘शोले’ दोबारा नहीं बनाई जा सकती : अक्षय

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अभिनेता अक्षय कुमार का कहना है कि फिल्म ‘शोले’ की रीमेक नहीं बनाई जा सकती। फिल्म के किसी भी किरदार को दोहराया नहीं जा सकता। फिल्मकार रामगोपाल वर्मा वर्ष 2007 में ‘आग’ फिल्म से ऐसी कोशिश कर चुके हैं, जिसमें वह विफल रहे हैं। रमेश सिप्पी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘शोले’ को इस साल स्वतंत्रता दिवस पर 40 साल हो रहे हैं, जिसमें अमिताभ बच्चन, धर्मेद्र, हेमा मालिनी, संजीव कुमार, जया बच्चन, अमजद खान ने अहम भूमिका निभाई थी।

आने वाली फिल्म ‘ब्रदर्स’ के प्रचार के लिए यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अक्षय से जब यह पूछा गया कि क्या वह ‘शोले’ की रीमेक का हिस्सा होंगे तो उन्होंने कहा, “फिल्म ‘शोले’ दोबारा नहीं बनाई जा सकती। यह फिल्म के साथ न्याय नहीं होगा। इसलिए मैं इस बारे में सोच भी नहीं सकता। यदि मुझसे ऐसी किसी भूमिका के लिए संपर्क किया जाता है तो यह मेरे लिए असंभव होगा।”

संवाददाता सम्मेलन में ‘ब्रदर्स’ के अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा और अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीस भी मौजूद थीं। सिद्धार्थ ने भी कहा कि यह फिल्म दोबारा नहीं बनाई जा सकती। फिल्म की रीमेक का हिस्सा बनने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मुझे इसके कलाकार पसंद हैं। यह पिछले 40 साल से है और हम आज भी जब इसे देखते हैं तो हमें मजा आता है।”

‘ब्रदर्स’ शुक्रवार को प्रदर्शित होने जा रही है, जिसमें अभिनेत्री शेफाली शाह और अभिनेता जैकी श्रॉफ भी हैं।

 

खेल-कूद

मेरी व्यक्तिगत इच्छा है कि रिंकू सिंह टी 20 वर्ल्ड कप की टीम में जगह बनाए: शाहरुख खान

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मुंबई। बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख खान ने आगामी टी-20 विश्व कप के लिए अपनी टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के बाएं हाथ के बल्लेबाज रिंकू सिंह को भारतीय टीम में शामिल करने का सपोर्ट किया है। शाहरुख की इच्छा है कि रिंकू सिंह टी 20 वर्ल्ड कप खेलें। रिंकू की विश्व कप संभावनाओं को लेकर शाहरुख ने कहा, “ऐसे अद्भुत खिलाड़ी देश के लिए खेल रहे हैं। मैं वास्तव में रिंकू, इंशाअल्लाह और अन्य टीमों के कुछ अन्य युवाओं के विश्व कप टीम में होने का इंतजार कर रहा हूं। उनमें से कुछ इसके हकदार हैं, लेकिन मेरी व्यक्तिगत इच्छा है कि रिंकू टीम में जगह बनाये, मुझे बहुत खुशी होगी। वह मेरे लिए सर्वोच्च बिंदु होगा।”

शाहरुख़ ने आगे कहा, ‘मैं बस यही चाहता हूं कि वे खुश महसूस करें और जब मैं इन लड़कों को खेलते हुए देखता हूं, तो मुझे ऐसा लगता है जैसे मैं खुद एक खिलाड़ी के रूप में जी रहा हूं। खासकर रिंकू और नितीश जैसे खिलाड़ियों में मैं खुद को उनमें देखता हूं। जब वे अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो मुझे वास्तव में खुशी होती है।” ऐसी दुनिया में जहां सफलता को अक्सर विशेषाधिकार और अवसर के साथ जोड़ा जाता है, शाहरुख खान और रिंकू सिंह की कहानियां एक अनुस्मारक के रूप में काम करती हैं कि महानता लचीलापन, दृढ़ संकल्प और सभी बाधाओं के बावजूद अपने सपनों को आगे बढ़ाने के साहस से पैदा होती है।’

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक श्रमिक वर्ग के परिवार में जन्मे रिंकू सिंह को क्रिकेट स्टारडम की राह में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। साधारण परिवेश में पले-बढ़े रिंकू के परिवार को गुजारा करने के लिए संघर्ष करना पड़ता था, उनके पिता एलपीजी सिलेंडर डिलीवरी मैन के रूप में काम करते हैं और उनकी मां एक गृहिणी हैं। सफाईकर्मी की नौकरी की पेशकश के बावजूद, रिंकू ने क्रिकेट के प्रति अपने जुनून का पालन किया, उनका मानना ​​था कि यह उन्हें अधिक ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

 

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