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अन्तर्राष्ट्रीय

शी जिनपिंग का समान विकास का आह्वान

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शी जिनपिंग, समान विकास का आह्वान, संयुक्त राष्ट्र स्थाई विकास सम्मेलन, दो अरब डॉलर की आर्थिक मदद

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संयुक्त राष्ट्र। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र स्थाई विकास सम्मेलन को संबोधित करते हुए सभी देशों के लिए समान विकास पर जोर दिया। इस दिशा में चीन दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए दो अरब डॉलर की आर्थिक मदद देगा। शी ने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में यूएन सतत विकास शिखर सम्मेलन के दौरान कहा कि चीन दक्षिण-दक्षिण सहयोग और 2015 के बाद के विकास एजेंडा हेतु विकासशील देशों की मदद के लिए एक कोष की स्थापना करेगा। इसके तहत शुरुआती दौर में दो अरब डॉलर की राशि प्रदान की जाएगी।

उन्होंने कहा कि चीन 2030 तक अल्प विकसित देशों (एलडीसी) के लिए अपने निवेश को बढ़ाकर 12 अरब डॉलर तक करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगा। शी ने कहा कि इसके अलावा, चीन संबंधित एलडीसी, बंदरगाह विहीन विकासशील देशों और छोटे द्वीप विकासशील देशों को 2015 के आखिर तक बकाया ऋण में छूट देगा। संयुक्त राष्ट्र शिखर वार्ता द्वारा अनुग्रहित 2015 के बाद के विकास एजेंडा के क्रियान्वयन की चीन की योजना के तहत एक अंतर्राष्ट्रीय विकास ज्ञान केंद्र की स्थापना की जाएगी । इसके साथ ही चीन एक वैश्विक ऊर्जा नेटवर्क की स्थापना करने के लिए चर्चा का प्रस्ताव भी रखेगा।

उन्होंने कहा कि चीन अपनी बेल्ट एंड रोड परियोजना के क्रियान्वयन, एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक, ब्रिक्स न्यू डेवलपमेंट बैंक का संचालन जल्द शुरू करने, आर्थिक विकास में योगदान करने और विकासशील देशों के लोगों की भलाई के लिए अन्य संबंधित पक्षों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है।

शी ने 2015 के बाद विकास एजेंडा पर अपने विचारों को साझा करते हुए समान, खुले, चौतरफा और नवाचार आधारित विकास का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि विकास का लाभ सभी पक्षों को मिलना चाहिए।” 2015 के बाद विकास एजेंडे को उचित रूप से लागू करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए चार सूत्री प्रस्ताव पेश किया, जिसमें विकास क्षमताओं का निर्माण, विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय परिवेश में सुधार, विकास के लिए साझेदारी बढ़ाने और समन्वय तंत्र को मजबूत करना शामिल है।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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