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शिवराज के गृह जनपद में एक और किसान ने आत्महत्या की
सीहोर, 19 जून (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में कर्ज और सूदखोरों से परेशान होकर किसानों की आत्महत्या का सिलसिला जारी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जनपद सीहोर में एक और किसान ने सोमवार सुबह अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सीहोर में पिछले आठ दिनों के दौरान यह चौथे किसान ने खुदकुशी की है। पुलिस के अनुसार, दोहरा थाना क्षेत्र के जिमोनिया खुर्द में बंशीलाल (54) ने सोमवार सुबह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
परिजनों के मुताबिक, बंशीलाल के पास नौ एकड़ जमीन है, और उस पर बैंक और सूदखोर का नौ लाख रुपये से ज्यादा कर्ज था। उसी के चलते बंशीलाल ने आत्महत्या की है।
दोहरा थाने के प्रभारी मुन्ना लाल चौधरी ने आईएएनएस से कहा, बंशीलाल ने आत्महत्या की है, मगर कारण क्या है, इसका खुलासा नहीं हो पाया है। जहां तक कर्ज से परेशान होने की बात है तो वह जांच के बाद ही पता चलेगा।
ज्ञात हो कि राज्य में बीते आठ दिनों के दौरान 12 किसानों ने आत्महत्या कर ली है। इनमें से चार आत्महत्या मुख्यमंत्री चौहान के गृह जनपद सीहोर में हुई है। इसके पहले सीहोर के जजना गांव में पांच लाख रुपये के कर्जदार दुलीचंद्र, नसरुल्लागंज के लाचौर गांव के डेढ़ एकड़ भूमि के मालिक मुकेश यादव (23), सिद्दीकीगंज थाना क्षेत्र के बापचा गांव के 75 वर्षीय बुजुर्ग किसान खाजू खां ने आत्महत्या कर ली थी।
ज्ञात हो कि राज्य में किसानों ने कर्ज माफी और उपज के उचित मूल्य देने की मांग को लेकर एक से 10 जून तक आंदोलन किया। इस दौरान मंदसौर में छह जून को पुलिस गोलीबारी में छह किसानों की मौत हो गई। लेकिन सरकार से किसानों को अपनी मांगों पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। आंदोलन के बाद से किसानों में आत्महत्या का दौर चल पड़ा है। बीते सोमवार से अबतक आठ दिनों में 12 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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