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बिहार : नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म कर रेलगाड़ी से फेंका
लखीसराय/पटना, 19 जून (आईएएनएस)| बिहार में लखीसराय के चानन थाना क्षेत्र के एक गांव में 10वीं की एक छात्रा के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसे रेलगाड़ी से बाहर फेंक दिया गया। पीड़िता को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे ‘जघन्य अपराध’ बताया है। पुलिस के अनुसार, लाखोचक गांव निवासी 14 वर्षीय छात्रा शुक्रवार को शौच के लिए घर से बाहर निकली थी, तभी गांव के दो लड़कों ने उसे अगवा कर लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद चार अन्य साथियों के साथ आरोपियों ने पीड़िता को एक स्टेशन पर रेलगाड़ी पर चढ़ाया और किऊल रेलवे स्टेशन के पास उसे रेलगाड़ी से बाहर फेंक दिया।
पीड़िता के परिजनों ने बताया, 12 घंटे तक खोजबीन के बाद उसे (पीड़िता) किऊल रेलवे स्टेशन पर पाया गया।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पीड़िता को पहले स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी स्थिति गंभीर देखते हुए उसे पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया।
चानन के थाना प्रभारी सुनील कुमार ने सोमवार को कहा कि इस मामले में पीड़िता के बयान के आधार पर सामूहिक दुष्कर्म की एक प्राथमिकी चानन थाने में दर्ज कर ली गई है, जिसमें दो लोगों को नामजद तथा चार अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।
इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे ‘जघन्य अपराध’ बताते हुए कहा कि इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, और पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है, दोषी को हर हाल में सजा दिलाई जाएगी।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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