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शियाओमी ने रेडमी2, मि पैड टैबलेट लांच किया

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नई दिल्ली | चीन की हैंडसेट निर्माता कंपनी शियाओमी ने गुरुवार को देश में दो उपकरण लांच किए : स्मार्टफोन रेडमी2 और मि पैड टैबलेट श्रेणी का टैबलेट। रेडमी2 का मूल्य 6,999 रुपये है, जिसके लिए पंजीकरण गुरुवार को शाम छह बजे से शुरू होगा। इसके लिए ई-कॉमर्स पोर्टल फ्लिपकार्ट पर 24 मार्च को फ्लैश सेल किया जाएगा।

शियाओमी के भारतीय कारोबार के प्रमुख मनु जैन ने कहा, “प्रथम फ्लैश सेल में 30 हजार से 40 हजार रेडमी2 बिकने का अनुमान है।” रेडमी2 में 4.7 इंच का डिस्प्ले, क्वाडकोर 64 बिट स्नैपड्रैगन 410 प्रोसेसर और 4जी डुअल सिम का इस्तेमाल किया गया है। इसमें 8 मेगापिक्सेल का रियर कैमरा और 2 मेगापिक्सेल का फ्रंट कैमरा है। मिपैड टैबलेट का मूल्य 12,999 रुपये है। इसका डिस्प्ले 7.9 इंच है। 24 मार्च को यह फ्लैश सेल के लिए उपलब्ध रहेगा। इन टैबलेटों पर इंटरनेट सिर्फ वाई-फाई से चलेगा। मिपैड के बिक्री लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर शियाओमी के उपाध्यक्ष हुगो बारा ने कहा, “हमने कोई लक्ष्य तय नहीं किया है। यह देश में हमारा पहला टैबलेट है। हम बाजार का परीक्षण कर रहे हैं।”

शियाओमी भारत में अपना एक उत्पादन केंद्र स्थापित करना चाह रही है। इस बारे में बारा ने कहा, “भारत में उत्पाद शुरू करने में 12-18 महीने लग सकते हैं।” कंपनी ने भारत में जुलाई 2014 में कदम रखा है और दिसंबर 2014 तक 10 लाख उपकरणों की बिक्री कर ली है। कंपनी भारत में 2015 तक 100 विशेष सेवा केंद्र शुरू करना चाहती है। जैन ने कहा, “हम भारत में कुछ अनुभव केंद्र भी खोलेंगे, जहां लोग जाकर शियाओमी के उत्पादों को देख परख सकते हैं। अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक पहला अनुभव केंद्र खुल जाएगा।”

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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