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‘स्मार्ट सिटी’ की सुरक्षा के लिए इंडस्ट्रियल स्मार्टफोन
नई दिल्ली| तेजी से बढ़ते महानगरों और औद्योगिकी विकास के बीच सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। ऐसे में एक भारतीय कंपनी लेकर आई है इंडस्ट्रियल स्मार्टफोन। इसकी खूबी यह है कि यह स्मार्टफोन के साथ ही वॉकी-टाकी का भी काम करेगा। नेटवर्क न होने पर भी इससे बात की जा सकेगी।
देश की ही प्रौद्योगिकी कंपनी ‘सहस्रा इलेक्ट्रॉनिक्स’ ने एक ऐसे इंडस्ट्रियल स्मार्टफोन का निर्माण शुरू किया है, जिसमें स्मार्टफोन और वॉकी-टॉकी की सारी खूबियां हैं। ताइवान की कंपनी इंफोमैक्स से करार के जरिये सहस्रा ने इस फोन की तकनीक हासिल की अब इसका भारत में निर्माण किया जा रहा है।
औद्योगिकी संस्थानों की सुरक्षा में बेहद कारगर यह स्मार्टफोन सुदूर जंगलों में सुरक्षाकर्मियों के लिए वरदान साबित हो सकता है जहां संपर्क बाधित हो जाने से सुरक्षाकर्मी अलग-थलग पड़ जाते हैं।
यह स्मार्टफोन केंद्र सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्मार्ट सिटी’ योजनाओं को भी आगे ले जाने वाला साबित होगा।
एंड्रॉयड पर चलने वाला यह स्मार्टफोन नेटवर्क न रहने पर भी काम करेगा तथा सैन्य सुरक्षा गतिविधियों, आपात सेवाओं, हवाई अड्डों, मेट्रो एवं रेलवे स्टेशनों, परिवहन उद्योग एवं अन्य विनिर्माण उद्योगों तथा खदानों के साथ-साथ स्मार्ट शहरों की सुरक्षा में अहम भूमिका निभा सकता है।
देश में सर्वाधिक प्रसार वाले 2जी नेटवर्क को सपोर्ट करने वाला यह स्मार्टफोन डस्टप्रूफ है और इसकी डिजाइन ऐसी है कि यह जल्दी टूटेगा-फूटेगा भी नहीं। इसके अलावा इस स्मार्टफोन में वाई-फाई, ब्लूटूथ, जीपीएस, 3 मेगापिक्सल का कैमरा, जी सेंसर, फ्लैश लाइट और दो सिम लगाने की सुविधा है।
टच स्क्रीन के साथ-साथ इस इंडस्ट्रियल स्मार्टफोन में कीबोर्ड भी है तथा 2800 एमएच की इसकी बैट्री इसकी कार्यक्षमता को अन्य स्मार्टफोन की अपेक्षा कई गुना बढ़ा देती है।
सहस्रा इलेक्ट्रॉनिक्स के निदेशक वरुण मानवानी ने आईएएनएस के साथ बातचीत में बताया कि अन्य कंपनियों की तरह इसे विदेशों से मंगाए गए पार्ट को असेंबल कर निर्मित होने वाले स्मार्टफोन की बजाय पूर्णत: स्वदेश निर्मित फोन माना जाना चाहिए।
मानवानी ने कहा, “हमने इस इंडस्ट्रियल स्मार्टफोन का निर्माण कर प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की दिशा में वास्तविक और गंभीर कदम उठाया है। सुरक्षा मानकों की दृष्टि से इस स्मार्टफोन में कई नवाचार किए गए हैं तथा यह सिर्फ भारत में असेंबल होने वाला फोन नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा, “इस फोन की पूरी डिजाइन भारत में विकसित की गई है तथा इस स्मार्टफोन के लिए विशेष तौर पर बनाए गए सॉफ्टवेयर पूरी तरह भारतीय कंपनियों द्वारा विकसित किए गए हैं, जिनकी आईपी ओनरशिप भी भारतीय कंपनियों के पास ही है। इसका निर्माण भारत में एक भारतीय कंपनी द्वारा किया जाएगा तथा इन स्मार्टफोन का आईएमईआई नंबर भी भारत में ही तैयार किया गया है।”
कंपनी ने अभी इस इंडस्ट्रियल स्मार्टफोन की कीमत का खुलासा तो नहीं किया है, लेकिन गैर आधिकारिक सूत्रों के अनुमान के मुताबिक, इसकी कीमत 10,000 रुपये के आस-पास हो सकती है।
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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।
इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड
सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।
जनवरी में होगी अगली बैठक
जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।
वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।
फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम
विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।
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