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व्यापमं घोटला: मध्य प्रदेश व यूपी में 40 जगहों पर सीबीआई के छापे
भोपाल। मध्य प्रदेश के चर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में 40 जगहों पर छापेमारी की है। जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने सुबह से ही व्यापमं के दफ्तर सहित मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर दबिश दी। सीबीआई की इस कार्रवाई को काफी अहम माना जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि सीबीआई सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर व्यापमं घोटाले की जांच कर रही है। सीबीआई इस मामले में 90 से ज्यादा प्राथमिकी पहले ही दर्ज कर चुकी है। इस मामले से जुड़े लोगों की मौत की भी जांच कर रही है। यह पहली ऐसी कार्रवाई है, जिसमें सीबीआई ने अपने भोपाल में बनाए गए दफ्तर से बाहर निकलकर कई स्थानों पर दबिश दी है।
सूत्रों के अनुसार, सीबीआई के कई दलों ने राजधानी भोपाल के व्यापमं दफ्तर के अलावा इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और उत्तर प्रदेश के कानपुर एवं लखनऊ आदि जगहों पर दबिश दी। इस मामले में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, व्यापमं के अधिकारी पंकज त्रिवेदी, नितिन महेंद्रा, के.सी. मिश्रा एवं अन्य आरोपी जेल में हैं। इनके आवासों पर भी सीबीआई ने छापा मारा है।
सीबीआई जांच से पूर्व इस घोटाले की जांच कर रहे विशेष कार्य बल (एसटीएफ ) ने कुल 55 प्रकरण दर्ज किए थे। घोटाले के सिलसिले में 21,00 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि 491 आरोपी अब भी फरार हैं।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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