Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का निधन, आइंसटीन-गैलीलियो से जुड़ा अजब संयोग

Published

on

Loading

लंदन। विश्व प्रसिद्ध भौतिक वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का बुधवार को निधन हो गया। वह 76 साल के थे। हॉकिंग के परिवार ने यह जानकारी दी।

ब्रिटिश मूल के वैज्ञानिक हॉकिंग को ब्लैक होल और रिलेटिविटी के सिद्धांत के लिए अपने महान कार्य के लिए जाना जाता है। वह ‘ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम’ जैसी कई लोकप्रिय किताबों के लेखक थे। ‘बीबीसी’ के मुताबिक, उनके बच्चे लूसी, रॉबर्ट और टिम ने कहा, “हम बहुत दुखी हैं कि आज हमारे प्यारे पिता का निधन हो गया है। वह एक महान वैज्ञानिक और असाधारण व्यक्ति थे जिनका काम और विरासत कई वर्षों तक जीवित रहेगी।”

जुड़ा अजब संयोग
यह संयोग ही है कि महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंसटीन की जन्म तिथि के दिन ही स्टीफन हॉकिंग का निधन हुआ। दूसरी ओर एक संयोग यह भी है कि जिस दिन महान वैज्ञानिक गैलीलियो की मौत हुई थी, 300 साल बाद उसी दिन स्टीफन हॉकिंग का जन्म हुआ था।

द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, “विज्ञान के आकाश का उज्‍जवल सितारा जिसकी अंतर्²ष्टि ने आधुनिक ब्रह्माण्ड विज्ञान और करोड़ों लोगों को प्रेरित किया, उनका कैंब्रिज में अपने घर में निधन हो गया।”

हॉकिंग के बच्चों के अनुसार, “उनकी प्रतिभा के साथ उनके साहत ने दुनिया भर के लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने एक बार कहा था, यह ब्रह्मांड कुछ नहीं होगा अगर यह आपके प्यार लोगों का घर नहीं है। हम हमेशा उन्हें याद करेंगे।”

आठ जनवरी 1942 में ऑक्सफोर्ड में जन्मे हॉकिंग को 1963 में मात्र 21 साल की उम्र में मोटर न्यूरॉन रोग हो गया था। चिकित्सकों ने उनके केवल दो साल और जीवित रहने की उम्मीद जताई थी लेकिन हॉकिंग आधे से ज्यादा सदी तक जीवित रहे।

Continue Reading

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

Published

on

Loading

नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

Continue Reading

Trending