Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

वेतन के ई-हस्तांतरण के लिए अध्यादेश पास, नकद भुगतान भी जारी रहेगा

Published

on

केंद्रीय मंत्रिमंडल, डिजिटल हस्तान्तरण, श्रम मंत्रालय, कर्मचारी राज्य बीमा निगम, न्यूनतम मजदूरी, नकदी भुगतान

Loading

केंद्रीय मंत्रिमंडल, डिजिटल हस्तान्तरण, श्रम मंत्रालय, कर्मचारी राज्य बीमा निगम, न्यूनतम मजदूरी, नकदी भुगतान

नई दिल्ली | केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को देश भर में नियोक्ताओं द्वारा वेतन के डिजिटल हस्तान्तरण के लिए एक अध्यादेश पारित किया। हालांकि, नकदी भुगतान की प्रणाली जारी रहेगी। ये जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद अधिकारी ने कहा, “इस अध्यादेश के जरिए भुगतान का एक अतिरिक्त तरीका अपनाया गया है। नकदी भुगतान की पुरानी प्रणाली जारी रहेगी।”

उन्होंने कहा, “यह वर्तमान में सिक्के या नोटों में मजदूरी भुगतान की प्रचलित प्रणाली के अतिरिक्त नियोक्ताओं द्वारा बैंकिग सुविधाओं के इस्तेमाल के जरिए मजदूरी भुगतान की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए किया जा रहा है।” श्रम मंत्रालय ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि प्रस्तावित संशोधन केवल चेक या खाते के जरिए ही वेतन के भुगतान को अनिवार्य नहीं बनाएगा।

बयान में कहा गया कि उपयुक्त सरकार (केंद्र या राज्य) खास उद्योगों या अन्य प्रतिष्ठानों के लिए अधिसूचना जारी करेंगी जहां नियोक्ता को कामगारों को वेतन का भुगतान चेक या कर्मचारियों के खातों में पैसे स्थानान्तरित कर करना होगा। मंत्रालय के अनुसार, प्रस्तावित संशोधन यह भी सुनिश्चित करेगा कि ‘मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जाए और उनके सामाजिक सुरक्षा अधिकार सुरक्षित रहें।”

बयान में कहा गया है, “कर्मचारी भविष्य निधि संगठन या कर्मचारी राज्य बीमा निगम की योजना में एक योगदानकर्ता बनने से बचने के लिए नियोक्ता अब कर्मचारियों की संख्या कम कर नहीं दिखा सकते हैं।” मंत्रालय ने यह भी बताया कि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्य बैंकिंग चैनलों के जरिए मजदूरी भुगतान की पहले ही अधिसूचना जारी कर चुके हैं।

 

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

Published

on

Loading

कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

Continue Reading

Trending