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वित्त मंत्रालय ने दर कटौती की सराहना की
मुंबई | केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मुख्य नीतिगत दरों में बुधवार को की गई कटौती का स्वागत किया और कहा कि यह वित्तीय घाटा कम करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर भरोसे की मुहर है और इससे आम आदमी के लिए ऋण लेना सस्ता हो जाएगा। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने यहां संवाददाताओं से कहा, “अब हम उम्मीद से दृढ़ विश्वास की तरफ बढ़ गए हैं।” उन्होंने कहा कि दर कटौती निकट भविष्य में अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए जरूरी संबल प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा, “अतिरिक्त कटौती भविष्य में आने वाले आंकड़ों पर निर्भर करेगी।” उन्होंने साथ ही उम्मीद जताई कि रेटिंग एजेंसियां इससे अपनी रेटिंग में जरूरी संशोधन कर सकती हैं। सिन्हा ने कहा, “यदि आप पिछले कुछ दिनों में जो कुछ भी हुआ उस पर गौर करें, जैसे रेल बजट, आम बजट, आर्थिक सर्वेक्षण और अब आरबीआई की दर कटौती, तो आप को लगेगा कि अर्थव्यवस्था मजबूती की तरफ बढ़ रही है।” उन्होंने कहा, “परिदृश्य बेहतर लग रहा है, क्योंकि ये आंकड़े और सुधार प्रक्रियाओं पर निर्भर हैं। बजट से विकास दर बढ़ने की उम्मीद है। इसलिए यदि परिदृश्य बेहतर है, तो रेटिंग एजेंसियों को बेहतर हो रहे परिदृश्य से जरूरी संकेत लेना चाहिए।”
रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को अप्रत्याशित रूप से मुख्य नीतिगत दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर दी। रिजर्व बैंक ने यह कटौती इस उम्मीद के साथ की है कि आने वाले कारोबारी वर्ष में महंगाई दर में और नरमी आएगी। रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की गई, जिसके बाद यह 7.75 फीसदी से घटकर 7.5 फीसदी हो गई, जबकि रिवर्स रेपो दर 6.75 फीसदी से घटकर 6.5 फीसदी हो गई।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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