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वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में IISC बैंगलोर और IIT दिल्ली ने बनाई जगह

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नई दिल्ली। दुनिया के 200 सर्वाधिक प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थानों में जगह बनाने पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को भारतीय विज्ञान संस्थान-बैंगलोर (आईआईएससी-बी) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (आईआईटी-डी) को बधाई दी। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में इन दोनों संस्थानों को जगह मिली है।

राष्ट्रपति ने आईआईएससी-बी के निदेशक अनुराग कुमार और आईआईटी-डी के निदेशक क्षितिज गुप्ता को अलग-अलग भेजे संदेश में कहा है, “मुझे खुशी है कि क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2015-16 में आईआईएससी बैंगलोर और आईआईटी दिल्ली को क्रमश: 147वां और 179वां स्थान हासिल हुआ है। इस शानदार उपलब्धि के लिए मेरी दिली बधाई स्वीकार करें।”

मुखर्जी ने एक बयान में कहा, “भारत के पास बेहतरीन और जन्मजात प्रतिभा है। इसके संस्थानों के पास सर्वश्रेष्ठ होने का सामथ्र्य है बशर्ते वे गुणवत्ता को उन्नत करने का काम अपने हाथ में लें।” राष्ट्रपति ने कहा, “उच्च वरीयता न केवल शैक्षिक समुदाय को हौसला देती है बल्कि इससे विकास और छात्रों की नौकरी की संभावनाओं को नया आयाम मिल जाता है।” मुखर्जी ने कहा, “इसकी वजह से गुणवत्ता को निरंतर बढ़ाते रहने का एक मानदंड मिल जाता है। मुझे उम्मीद है कि आप, अपनी फैकल्टी और स्टाफ के साथ हमारे शैक्षिक संस्थानों को विश्व में अगुआ बनाने के लिए काम करते रहेंगे।”

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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