Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

लोढ़ा समिति की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय की सुनवाई 9 दिसम्बर को

Published

on

Loading

lodha SCनई दिल्ली  | सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति की याचिका पर सुनवाई नौ दिसम्बर तक टाल दी है। समिति ने इसके अलावा बीसीसीआई में बतौर पर्यवेक्षक पूर्व गृह सचिव जी. के. पिल्लई की नियुक्ति की भी सिफारिश की।इसके साथ ही समिति ने पिल्लई को लेखा परीक्षक नियुक्त करने, बीसीसीआई प्रशासन का मार्गदर्शन करने खासकर निविदाएं आवंटित करने और पारदर्शिता बनाए रखने का अधिकार प्रदान करने के लिए भी कहा।

न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने लोढ़ा पैनल द्वारा दायर तीसरे यथास्थिति रिपोर्ट पर सुनवाई टाल दिया। इस सुनवाई को मुख्य न्यायमूर्ति टी.एस.ठाकुर के अस्वस्थ रहने के कारण टाला किया, जो इस पीठ के अध्यक्ष हैं। अदालत में 21 नवम्बर को दायर की गई यथास्थिति रिपोर्ट में समिति ने पिल्लई को पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त करने का सुझाव दिया। इसके साथ ही उन्हें एक लेखा परिक्षक की नियुक्ती, बीसीसीआई प्रशासन के गाइड की नियुक्ती की ताकत देने के लिए भी कहा।

समिति ने अपनी यथास्थिति रिपोर्ट में ‘बीसीसीआई के अधिकारियों द्वारा लगातार सिफारिशों को न मानने’ का भी जिक्र किया है। अदालत को पेश की गई अपनी याचिका में लोढ़ा समिति ने कहा, “बीसीसीआई और उसके राज्य संघों के पदाधिकारियों को पैरा-4 में मानदंड़ों के आधार पर सीधे तौर पर अयोग्य घोषित किया गया था, लेकिन इसके बाद भी वे सभी नियमित रूप से कार्यालय जा रहे हैं।”

पैरा-4 में वर्णित आदेश के अनुसार, 70 वर्ष से अधिक आयु के, मंत्री पद या किसी सरकारी पद पर नियुक्त, किसी भी खेल इकाई में पदस्थ तथा लगातार नौ वर्षो से बीसीसीआई में नियुक्त या अदालत द्वारा किसी आपराधिक मामले में संलिप्तता का आरोपी व्यक्ति बीसीसीआई के पद के अयोग्य होगा।

 

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

Published

on

Loading

कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

Continue Reading

Trending