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अन्तर्राष्ट्रीय

रे एलेन ने की एनबीए से संन्यास की घोषणा

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ray-allenवाशिंगटन। दो बार के नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन (एनबीए) चैम्पियन रे एलेन ने 18 सत्र खेलने के बाद एनबीए से अपने संन्यास की घोषणा कर दी है। ‘प्लेयर्स ट्रिब्यून’ के लिए लिखे एक लेख में एलेन ने कहा, “मैं आप सबको अपने संदेश में यह बताना चाहता हूं कि 41 वर्षीय इंसान होने के नाते मैं खेल से संन्यास ले रहा हूं। मैं खुद से काफी संतुष्ट होकर यह बात कह रहा हूं।”

एलेन को मिनेसोटा टिम्बरवॉल्वस द्वारा तैयार किया गया था और 1996 में वह एनबीए ड्राफ्ट से चुने गए पांचवें खिलाड़ी थे। अपने चयन के बाद ही वह मिलवॉकी बक्स टीम में शामिल हो गए।

अपने करियर में 10 बार ‘ऑल स्टार’ का खिताब जीतने वाले एलेन ने करियर के पहले 11 सत्र मिलवाकी और सीटल सुपरसोनिक्स में बिताए और इसके बाद वह 2007 में बोस्टन सेल्टिक्स में शामिल हो गए। उन्होंने 2013-14 सत्र में एनबीए के एक भी मुकाबले में हिस्सा नहीं लिया।

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कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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