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रेलवे जल्द दुरुस्त करेगा संचालन व्यवस्था

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दिल्ली/लखनऊ। भारतीय रेल पूरी दुनिया में जन सामान्य को यात्रा कराने के मामले में प्रथम स्थान पर है और मालभाड़े में रेल का पूरी दुनिया में चौथा स्थान है। रेल यात्रियों को सुरक्षित यात्रा कराने का दायित्व रेलवे की पहली प्राथमिकता है। रेलवे का दावा है कि वह बहुत जल्द अपनी संचालन व्यवस्था को दुरुस्त करेगा। रेलवे के प्रवक्ता के अनुसार, इटारसी में ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम में आग लगने के बाद से सिग्नलिंग सिस्टमों के पास स्मोक एंड फायर डिटेक्शन सिस्टम लगाया जाएगा।

दिल्ली रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ए.के.मित्तल ने कहा कि भारतीय रेल आज भी पुरानी तकनीकी प्रणाली पर काम कर रहा है, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि तकनीकी प्रणाली और तेज रफ्तार वाली ट्रेनों का संचालन कर रेलवे बहुत जल्द अपनी संचालन व्यवस्था को दुरुस्त करेगा।

31वीं गर्वनिंग काउंसिल की बैठक में शनिवार को उन्होंने कहा था कि इटारसी में आग लगने के बाद से सुरक्षा की दृष्टि से सिग्नलिंग सिस्टमों के पास स्मोक एंड फॉयर डिटेक्शन सिस्टम को लगाया जाएगा। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से अपने को मजबूत बनाते हुए रेल अब टीसीएएस (ट्रेन कोलिजन एवाइडेंस सिस्टम) का इस्तेमाल कर रेलवे अपने यात्रियों की सुरक्षा का वादा करने वाला है।

चेयरमैन ने कहा कि रेलवे के पास तकनीक की कमी है, मगर इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। रेलवे यात्रियों सुविधाओं में होने वाली कमियों को भी जल्द पूरा कर लेगा। आरडीएसओ के अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्होंने चल रही 201 योजनाओं को छोड़कर यात्रियों और ट्रेनों की गति सुधारने की तरफ काम करने की सलाह दी। साथ ही आरडीएसओ की योजनाओं और काम की सराहना करते हुए कुछ प्रस्ताव भी दिए।

ट्रेनों के संचालन के समय आने वाली आम परेशानियों पर उन्होंने कहा कि रेलवे लाइन में गड़बड़ी हो जाने से भी अधिकांश ट्रेन निर्धारित समय से ज्यादा विलंब हो जाती है, जिस दिशा पर काम करने के लिए पेट्रोल कार या की-मैन की जरूरत पड़ती है।

उन्होंने कहा कि इस दिशा में ऐसी मशीनें बनाई जाएं जो रेल ट्रैक पर चलते हुए व्यक्ति की पहचान कर सके। साथ ही मानवरहित क्रॉसिंग पर होने वाले हादसों को लेकर उन्होंने कहा कि 11 हजार मानवरहित क्रॉसिंग को एकदम से खत्म नहीं किया जा सकता। यात्रियों को इस दिशा में जागरूक होने की जरूरत है। साथ ही रेलवे हर साल एक से लेकर डेढ़ हजार मानवरहित क्रॉसिंग को खत्म करने की दिशा में काम कर रहा है।

क्या है टीसीएएस (रेलगाड़ी टक्कर रोधी प्रणाली) :

ट्रेन कोलिजन एवाइडेंस सिस्टम विदेशों में ट्रेन और कारों में सिग्नलिंग सिस्टम के जैसा ही होगा। इससे गाड़ियों को टक्कर होने से पहले से ही सिस्टम पर सूचना मिलने लगेगी और इंजन पहले ही रुक जाएगा, जिससे ट्रेनों को दुर्घटना से बचाया जा सकेगा। ड्राइवर के पास ही एक सिग्नलिंग सिस्टम रहेगा। काफी दूरी पहले से ही सिग्नल-की और आगे से एक ही पटरी पर आने वाली ट्रेनों की जानकारी सिस्टम पर प्रदर्शित होने लगेगी।

 

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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