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रेलवे,मेट्रो व बस में कल के बाद नहीं चलेंगे 500 के पुराने नोट

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रेलवे, मेट्रो, केंद्रीय वित्त मंत्रालय, आरबीआई, 500 रुपये के पुराने नोट

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रेलवे, मेट्रो, केंद्रीय वित्त मंत्रालय, आरबीआई, 500 रुपये के पुराने नोट

केंद्रीय वित्त मंत्रालय

मुंबई  | यह खबर उन लोगों के लिए मुफीद नहीं है, जिन्होंने रेलवे, मेट्रो या बस टिकट खरीदने के लिए 500 रुपये के पुराने नोट अभी तक अपने पास रखे हुए हैं, क्योंकि इन जगहों पर इन नोटों का इस्तेमाल अब 15 दिसम्बर की जगह 10 दिसम्बर तक ही किया जा सकेगा। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इस बदलाव को लेकर एक अधिसूचना जारी की है।

फ्रीक्वेंटली आस्क्ड क्वेश्चन (एफएक्यू) में रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को कहा कि रेलवे टिकट काउंटरों, सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम की बसों और ट्रेनों में कैटरिंग सेवाओं में 10 दिसम्बर की आधी रात से 500 रुपये के पुराने नोट नहीं लिए जाएंगे। उपनगरीय रेल सेवा व मेट्रो रेल सेवा के लिए टिकट खरीदने में भी 500 रुपये के पुराने नोटों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।

सरकारी अस्पतालों में हालांकि इलाज व सरकारी अस्पतालों में मौजूद दवाखानों से चिकित्सक की पर्ची पर दवा खरीदने के लिए 15 दिसम्बर तक 500 रुपये के पुराने नोट स्वीकार किए जाएंगे। केंद्र या राज्य सरकार द्वारा संचालित मिल्क बूथ, श्मशान व कब्रिस्तान, चिकित्सकों की पर्ची व पहचान पत्र दिखाने पर सभी दवा दुकानों में दवा खरीदने के लिए तथा एलपीजी सिलेंडर की खरीद के लिए 500 रुपये के पुराने नोट स्वीकार किए जाएंगे।

500 रुपये के पुराने नोटों का इस्तेमाल भारतीय पुरातात्विक विभाग द्वारा संचालित सभी धरोधरों को देखने के लिए एंट्री टिकट खरीदने में किया जा सकेगा।

इसके अलावा 500 रुपये के पुराने नोटों का इस्तेमाल कुछ अन्य जगहों जैसे केंद्र या राज्य सरकार को देय नगरपालिका तथा स्थानीय निकायों के शुल्क, कर व जुर्माने के भुगतान में, पानी व बिजली बिलों के भुगतान में, न्यायालय शुल्क तथा केंद्र व राज्य सरकारों के कॉलेजों, नगरपालिका तथा स्थानीय निकाय के स्कूलों में प्रति छात्र 2,000 रुपये तक शुल्क के भुगतान के लिए किया जा सकता है।

 

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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