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अन्तर्राष्ट्रीय

रूस ने मिस्र जाने वाली सभी उड़ानें रद की

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मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को मिस्र जाने वाली देश की सभी उड़ानें रद करने का आदेश दिया।

मिस्र के सिनाई प्रायद्वीप में पिछले शनिवार रूस के यात्री विमान को आंतकवादी हमले में मार गिराए जाने की प्रबल संभावनाओं के बीच यह कदम उठाया गया है।

राष्ट्रपति पुतिन के प्रेस प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने जोर दिया है कि इस फैसले का यह मतलब नहीं है कि रूस यह मानता है कि हमारा यात्री विमान आतंकवादी हमले का शिकार हुआ है, जिसमें सभी 224 लोगों की मौत हो गई थी।

पेस्कोव ने कहा, “अभी तक किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा गया है, क्योंकि किसी भी संभावना के स्पष्ट संकेत या प्रमाण नहीं हैं। सिर्फ आधिकारिक जांच के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है।” पेस्कवो ने कहा कि यह फैसला रूस के यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है।

रूस की समाचार एजेंसी ‘आरआईए नोवोस्ती’ ने अपनी एक रिपोर्ट में संघीय जांच सेवा के प्रमुख एलेग्जेंडर बॉर्तिनोव का हवाला देते हुए कहा, “जब तक इस दुर्घटना के वास्तविक कारणों का पता नहीं चलता। मुझे लगता है कि रूस की मिस्र जाने वाली सभी उड़ानों को रद्द करने का फैसला सही है।”

उन्होंने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि शुक्रवार से ही मिस्र जाने वाली सभी उड़ानें रद हैं।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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