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नेशनल

यूनीफॉर्म सिविल कोड पर मोदी सरकार के रुख से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भडक़ा

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muslimनई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) तथा कई अन्य प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने गुरुवार को समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग की प्रश्नावली खारिज कर दी और इसे भ्रामक करार दिया। प्रश्नावली को भ्रामक व विभाजनकारी करार देते हुए एआईएमपीएलबी के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने कहा कि मुसलमान इसे तवज्जो नहीं देंगे।

महासचिव ने यहां संवाददाताओं से कहा, इस प्रश्नावली का हम बहिष्कार करेंगे। कोई मुसलमान इसे तवज्जो नहीं देगा, क्योंकि यह भ्रामक व मिथ्यापूर्ण है। समान नागरिक संहिता विभाजनकारी है और इससे सामाजिक अशांति फैलेगी।

उन्होंने कहा, समान नागरिक संहिता इस देश के लिए सही नहीं है। इस देश में कई संस्कृतियां हैं और उनका सम्मान किया जाना चाहिए। यह संविधान की भावना के खिलाफ है, जो अपनी संस्कृति और धर्म के पालन के नागरिकों के अधिकार को सुरक्षा प्रदान करता है।

सरकार के इस कदम पर सवाल उठाते हुए रहमानी ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने ढाई साल की अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए जानबूझकर इस मुद्दे को उठाया है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का यह कदम केंद्र सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय को यह बताने के कुछ दिनों बाद आया है कि तीन तलाक, निकाह हलाल और बहुविवाह जैसी प्रथाएं इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा या आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं हैं।

इसके बाद, विधि आयोग ने सात अक्टूबर को अपनी वेबसाइट पर प्रश्नावली जारी कर दी, जिसमें नागरिक संहिता मुद्दे पर लोगों की राय के लिए 16 सवाल पूछे गए हैं। संवाददाता सम्मेलन में अन्य मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों मौलाना अरशद मदनी (जमीयत उलेमा-ए-हिंद), मोहम्मद जफर (जमात-ए-इस्लामी हिंद), मौलाना असगर इमाम मेहदी (मरकाजी जमीयत अहले हदीथ), मौलाना महमूद मदनी (जमीयत उलेमा हिंद), एम.मंजूर आलम (ऑल इंडिया मिली काउंसिल), नावेद हामिद (ऑल इंडिया मजलिए-ए-मुशवरत) तथा मौलाना अब्दुल कासिम नौमानी (कुलाधिसचिव, दारूल उलूम देवबंद) ने हिस्सा लिया।

एआईएमपीएलवी के सदस्य कमाल फारूकी ने कहा कि इसके अलावा, इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के बरेलवी धर्म गुरुमौलाना तौकीर रजा खान तथा शिया धर्मगुरु मोहसिन ताकवी भी संवाददाता सम्मेलन में आने वाले थे, लेकिन वे नहीं आ सके।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा, मुस्लिम पर्सनल लॉ कुरान और हदीस पर आधारित है और हम इसे बदल नहीं सकते। उन्होंने कहा, मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) लोकतंत्र के नाम पर तानाशाही थोपना चाहते हैं।

नेशनल

भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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