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मुख्य समाचार

‘म्यूजियम’ में ईमानदारी

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आईएएस अधिकारी अशोक खेमका, हरियाणा की खट्टर सरकार, कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, 24 साल की नौकरी में 46 ट्रांसफर

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नितिन गोपाल

देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कितनी खोखली है, इसकी पुष्टि एक बार फिर हो गई है। हरियाणा में आईएएस अधिकारी अशोक खेमका फिर ‘म्यूजियम’ में पहुंच गए हैं यानी खेमका को डीजी ट्रांसपोर्ट के पद से हटाकर वापस पुरातत्व विभाग में भेज दिया गया है। ये वही ‘म्यूजियम’ है जहां से उन्हें हटाकर मुख्यधारा में लाया गया था। खेमका के यहां सुशोभित होने के पीछे वहीं मजबूत राजनीतिक शक्ति जिम्मेदार है जो अब तक भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में उनका साथ देने का दम भरा करती थी। लेकिन ऐसा करते समय शायद उन्होंने इस बात को भुला दिया कि ये वही खेमका हैं जिन्होंने संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की करोड़ों रुपयों के भूमि सौदे का खुलासा किया था। इसे लेकर हरियाणा की तत्कालीन हुड्डा सरकार पर चौतरफा उंगली उठी थी और तब भाजपा ने ही खेमका का खुलकर समर्थन किया था। वैसे इसके लिए किसी पार्टी विशेष को दोष देना ठीक नहीं है। सत्ता है ही ऐसा नशा, जिसपर सवार हुआ, हर सुधबुध भुला देता है। अब ऐसा वर्तमान खट्टर सरकार ने किया तो क्या आश्चर्य।

ये जरूर है, इस तबादले ने देश की नौकरशाही के इतिहास में एक रिकॉर्ड जरूर बना दिया है। 24 साल की नौकरी में 46 ट्रांसफर गिनती के ही लोगों को नसीब हो पाता है। हालांकि ये निर्णय कुछ दिन पहले ही इंडियन ऑयल के एक ईमानदार अधिकारी एस. मंजूनाथ को न्याय मिलने पर खुशी जताने वाले लोगों को जरूर अखर सकता है। वे अब तक समझ रहे थे कि शायद भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई परवान चढ़ सकेगी लेकिन उनकी उम्मीदें एक बार फिर धराशायी होती नजर आ रही हैं। खेमका के तबादले के खिलाफ देशभर में आवाज उठने के बाद भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने सफाई देने में देर नहीं लगाई। उन्होंने इसे अच्छी नीयत से किया गया फैसला बताया। उन्होंने साफ कहा कि ‘सर्विस, सर्विस होती है। आप यह नहीं कह सकते कि यह पोजीशन बड़ी है और यह छोटी। इस देश में पुरातत्व एक बड़ा मंत्रालय है। इसके साथ एक बड़ी जिम्मेदारी जुड़ी है। इससे हरियाणा को फायदा होगा।’ इससे हरियाणा को कितना फायदा होगा, ये तो बाद में पता चलेगा लेकिन इससे उन खनन लॉबी की जरूर बल्ले-बल्ले हो गई है जो ओवरलोड वाहनों पर खेमका की सख्ती से बेहद परेशान थी। खेमका ने ओवरसाइज वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट देने से इन्कार कर ट्रांसपोर्ट लॉबी के खिलाफ भी मोर्चा खोल रखा था। खेमका के करीबियों की माने तो उन्होंने दिसंबर में ही आदेश जारी कर तय मानकों से ज्यादा भार वाले वाहनों पर सख्ती के अधिकार जिलों के अफसरों को दिए थे।

नौकरी की सेवाशर्तों से बंधे खेमका तबादले की इस पीड़ा को केवल ट्वीट कर ही व्यक्त कर सके। उन्होंने कहा कि मैंने तमाम कमियों के बावजूद परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार को रोकने और बदलाव लाने की कोशिश की। ये क्षण तकलीफ देने वाला है। एक ईमानदार व्यक्ति के ये शब्द ही उसकी व्यथा बताने के लिए काफी हैं। हरियाणा की खट्टर सरकार में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ही खुलेआम अपनी ही सरकार के सामने खेमका का साथ देने की हिम्मत जुटा सके। सूत्रों की मानें तो विज सीएम खट्टर से इस बात की वकालत कर सकते हैं कि खेमका को उनके विभाग में भेज दिया जाए। यह वही विज हैं जिन्होंने हुड्डा सरकार के कार्यकाल में खेमका के तबादले पर राज्यपाल के आवास पर धरना देकर फैसले का विरोध किया था। अब खुद भाजपा सत्ता में है तो उनको चोट लगना स्वाभाविक है।

देश में इस घटनाक्रम को व्यापक रूप से देखने की जरूरत है, क्योंकि खेमका किसी राज्य के ऐसे अकेले अधिकारी नहीं हैं, जिन्हें ईमानदारी की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। इस कड़ी में दिल्ली में संजीव चतुर्वेदी जैसे अधिकारियों के नाम भी याद किए जा सकते हैं, जिन्हें सरकारें बोझ की तरह मानती हैं। मूल सवाल प्रशासनिक मशीनरी को राजनीतिक नियंत्रण से मुक्त करने से जुड़ा है। इस सवाल का हल ढूंढें वरना ईमानदारी केवल ‘म्यूजियम’ में ही सुशोभित होगी।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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