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मनोरंजन

‘मोहनजोदड़ो’ से जो चाहती थी, वह मिला : पूजा

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'मोहनजोदड़ो' से जो चाहती थी, वह मिला : पूजा

मुंबई | आशुतोष गोवारिकर द्वारा निर्देशित ‘मोहनजोदड़ो’ की असफलता का अभिनेत्री पूजा हेगड़े पर कोई असर नहीं है। उनका कहना है कि वह फिल्म से जो चाहती थीं वह उन्हें मिला। बॉक्स ऑफिस पर इसके परिणाम की परवाह किए बिना उन्होंने कहा कि यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था।

पूजा ने कहा, “फिल्म का परिणाम हमारे नियंत्रण में नहीं है। मुझे लगता है कि ‘मोहनजोदड़ो’ से जो चाहती थी, वह मिला और मैं इसे हमेशा से अपना ड्रीम प्रोजेक्ट मानती हूं।”

ऋतिक रोशन के साथ मेगा बजट की रोमांटिक फिल्म में वह पूजा छानी की भूमिका में थीं और उन्हें इसके लिए अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।

फिल्म से क्या चाहती थीं? इस पर उन्होंने कहा, “व्यक्तिगत तौर पर मैं परेशान थी कि लोग मुझे किस तरह की प्रतिक्रिया देंगे। आभारी हूं कि उन्हें फिल्म में मेरा काम और मेरी भूमिका पसंद आई। यहां तक कि मैंने समीक्षा में पढ़ी कि भूमिका लंबी नहीं थी, इसका अर्थ था कि मेरा किरदार पसंद किया गया।”

उनका मानना है कि इस फिल्म ने उन्हें एक कलाकार के रूप में परिवर्तित किया।

पूजा वर्तमान में अल्लू अर्जुन के साथ तेलुगू फिल्म ‘ध्रुव जगन्नाधम’ में काम कर रही हैं।

प्रादेशिक

13 साल बाद एक्ट्रेस को मिला इंसाफ, कोर्ट ने हत्यारे बाप को सुनाई फांसी की सजा

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मुंबई। एक्ट्रेस लैला खान और उसके पूरे परिवार के हत्यारे सौतेले पिता को मुंबई की सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में परवेज टाक को लैला, उनकी मां और चार भाई-बहन की हत्या और सबूतों को नष्ट करने का दोषी ठहराया था। यह मामला 13 वर्ष पुराना है। सौतेले प‍िता ने लैला, उसकी मां व चार भाई-बहनों की हत्या की थी, इसके बाद शवों को फार्म हाउस में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था।

बता दें कि बीते सप्ताह सरकारी वकील पंकज चव्हाण ने दोषी परवेज टाक के लिए मौत की सजा की मांग की थी। उनका कहना था कि इस हत्या को पूरी तरह से प्लान करके किया गया था, जिसमें एक ही परिवार के छह लोगों को बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया और शवों को ठिकाने लगा दिया गया।

लैला खान हत्याकांड में मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान आरोपी के वकील वहाब खान ने दलील पेश की, जिसमें उन्होंने कम से कम आजीवन कारावास की सजा की मांग की। वकील ने कहा कि कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है और शव उनके कहने पर बरामद किए गए थे। इतना ही नहीं बल्कि दोषी के वकील ने जेल में टाक के अच्छे व्यवहार की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसमें सुधार हुआ है और इसलिए उन्होंने इसे भी सजा को कम करने का आधार बताया है। हालांकि कोर्ट ने उनकी एक न सुनी और परवेज टाक को फांसी की सजा सुना दी।

बता दें कि परवेज टाक, लैला का सौतेला पिता है। परवेज ने लैला की मां संग तीसरी शादी की थे। साल 2011 में फरवरी में लैला खान, उनकी मां और चार भाई-बहनों की महाराष्ट्र के नासिक जिले के इगतपुरी स्थित उनके बंगले में हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो कहा गया कि संपत्तियों पर बहस के बाद परवेज ने इस घटना को अंजाम दिया था।

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