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IANS News

मोदी सरकार ने 43 पत्रों का कोई जवाब नहीं दिया : अन्ना हजारे

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नई दिल्ली, 23 मार्च (आईएएनएस)| सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने यहां के रामलीला मैदान में शुक्रवार को भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के साथ अनिश्चितकालीन अनशन की शुरुआत करते हुए कहा कि उन्होंने मोदी सरकार को 43 पत्र लिखे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार से लोकपाल व कृषि संकट पर बातचीत करने के प्रयास का कोई नतीजा नहीं निकला।

राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद रामलीला मैदान में अनशन शुरू करने के तुरंत बाद उन्होंने कहा, बीते चार साल में मैंने मोदी सरकार को 43 पत्र लिखे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

उन्होंने कहा, देश के किसान संकट में हैं, क्योंकि उन्हें फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है और सरकार उचित मूल्य तय करने की दिशा में कोई काम नहीं कर रही है।

अन्ना के अनशन का मकसद केंद्र में लोकपाल व राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति, नए चुनाव सुधार व देश में कृषि संकट को हल करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने के लिए दबाव बनाना है।

उन्होंने कहा कि वह सरकार के साथ आंदोलन के दौरान चर्चा करेंगे, लेकिन उनका अनिश्चितकालीन अनशन ‘सत्याग्रह’ सरकार की तरफ से कोई ठोस कार्ययोजना आने तक जारी रहेगा।

बुजुर्ग सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि केंद्रीय कृषिमंत्री राधा मोहन सिंह व महाराष्ट्र के कुछ मंत्रियों ने गुरुवार को उनसे मुलाकात की और कुछ आश्वासन दिए।

अन्ना हजारे ने वर्ष 2011 में अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया था, जिसने भारतीयों की भावनाओं को छुआ था।

दिल्ली के रामलीला मैदान में अपने हजारों समर्थकों को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा, लेकिन मैंने कहा, मैं आप (मंत्री) पर विश्वास नहीं करता। अब तक आपने कितने वादे पूरे किए हैं? एक भी नहीं। इसलिए ठोस कार्ययोजना के साथ आइए।

हजारे ने कहा कि कृषि लागत व मूल्य आयोग (सीएसीपी) को उचित मूल्य निर्धारण के लिए स्वायत्त बनाया जाना चाहिए। सीएसीपी 23 फसलों के लिए मूल्य तय करता है।

वर्तमान में केंद्र सरकार सीएसीपी का नियंत्रण करती है और राज्यों द्वारा सुझाए गए उचित मूल्य में 30-35 फीसदी की कटौती करती है।

अन्ना हजारे (80) ने कहा, मैं दिल के दौरे से मरने के बजाय देश के लिए मरना पसंद करूंगा।

अन्ना हजारे के 2011 के आंदोलन से आम आदमी पार्टी (आप) का जन्म हुआ था, जो इस समय दिल्ली में सत्तारूढ़ है।

अन्ना के उस आंदोलन ने कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) को 2014 के आम चुनाव में सत्ता से हटाने में बड़ा योगदान दिया था। इसके बाद भाजपा केंद्र की सत्ता में आई।

गांधीवादी अन्ना ने बीते महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केंद्र में लोकपाल की नियुक्ति में रुचि न दिखाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि मोदी कभी लोकपाल के बारे में गंभीर नहीं रहे।

अन्ना हजारे ने कहा कि लोकपाल की नियुक्ति के पीछे देरी का कारण यह है कि प्रधानमंत्री को डर है कि एक बार इसका वजूद बन जाने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय व उनके कैबिनेट के सदस्य इसके दायरे में आ जाएंगे।

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टेनिस : दुबई चैम्पियनशिप में सितसिपास ने मोनफिल्स को हराया

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 दुबई, 1 मार्च (आईएएनएस)| ग्रीस के युवा टेनिस खिलाड़ी स्टेफानोस सितसिपास ने शुक्रवार को दुबई ड्यूटी फ्री चैम्पियनशिप के पुरुष एकल वर्ग के सेमीफाइनल में फ्रांस के गेल मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में मात देकर फाइनल में प्रवेश कर लिया।

  वर्ल्ड नंबर-11 सितसिपास ने वर्ल्ड नंबर-23 मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में 4-6, 7-6 (7-4), 7-6 (7-4) से मात देकर फाइनल में प्रवेश किया।

यह इन दोनों के बीच दूसरा मुकाबला था। इससे पहले दोनों सोफिया में एक-दूसरे के सामने हुए थे, जहां फ्रांस के खिलाड़ी ने सीधे सेटों में सितसिपास को हराया था। इस बार ग्रीस के खिलाड़ी ने दो घंटे 59 मिनट तक चले मुकाबले को जीत कर मोनफिल्स से हिसाब बराबर कर लिया।

फाइनल में सितसिपास का सामना स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर और क्रोएशिया के बोर्ना कोरिक के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा। सितसिपास ने साल के पहले ग्रैंड स्लैम आस्ट्रेलियन ओपन में फेडरर को मात दी थी।

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