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मोदी सरकार को आरएसएस नहीं चला रहा : पासवान
तिरुवनंतपुरम| देश के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नहीं चलाती और मोदी के दिशा-निर्देश में ही सरकार चल रही है। पासवान ने यहां मीडिया से कहा कि मोदी का एजेंडा केवल विकास है। उन्होंने कहा, “मैंने कुछ प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है और मैं सबकी इज्जत करता हूं।” उन्होंने कहा कि उनके विभाग के काम में किसी का हस्तक्षेप नहीं है। पासवान ने कहा, “इस तरह की कोई बात नहीं है कि सरकार को आरएसएस चला रहा है। मोदी प्रधानमंत्री हैं और उन्हीं के दिशा-निर्देश में सरकार चल रही है।”
उन्होंने कहा, “सरकार से पहले देश का विकास मुख्य मुद्दा है।” पासवान ने कहा कि देश में कहीं भी जबरन धर्मातरण नहीं हो रहा है। रामविलास ने कहा, “यदि लोग अपनी इच्छा से धर्म बदल रहे हैं, तो यह अपराध नहीं है।” इस दौरान, पासवान ने जनता परिवार की पार्टियों के विलय का उपहास उड़ाया।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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