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अन्तर्राष्ट्रीय

मोदी-शी में शिखर वार्ता, सीमा संबंधी मुद्दों से लेकर व्यापार तक पर हुई चर्चा

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शियान (चीन)। तीन दिवसीय यात्रा पर चीन आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ यहां गुरुवार को शिखर सम्मेलन स्तर की वार्ता की, जिसमें सीमा संबंधी मुद्दे, व्यापार घाटा तथा संपर्क संबंधी मुद्दों पर चर्चा हुई। दोनों शीर्ष नेताओं ने शांक्शी अतिथिगृह में करीब 90 मिनट तक वार्ता की और इसके बाद प्रसिद्ध वाइल्ड गूज पैगोडा का दौरा किया।

गुरुवार सुबह यहां पहुंचे मोदी का शी ने शांक्शी अतिथि गृह में स्वागत किया और दोनों नेताओं ने हाथ मिलाते हुए तस्वीरें खिंचवाईं। प्रधानमंत्री ने कहा कि शियान में अपने स्वागत से वह बेहद प्रसन्न हैं और उन्होंने इसे भारत के 1.25 करोड़ देशवासियों का आदर बताया। काला बंदगला सूट पहने मोदी इस दौरान हिंदी में बोलते नजर आए, जबकि शी चीनी भाषा में बोले।

चीनी राष्ट्रपति ने पिछले साल सितंबर में अपने अहमदाबाद दौरे का स्मरण किया, जिस दौरान उनकी अगवानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद की थी और उनके और उनकी पत्नी पेंग लियुआन के सम्मान में साबरमती नदी के किनारे एक रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया था। शी ने कहा कि आपने अपने गृहनगर में मेरा बेहद गर्मजोशी से स्वागत किया था। अपने गृहनगर में आपका स्वागत कर मुझे बेहद प्रसन्नता हो रही है।

विदेश सचिव एस.जयशंकर के मुताबिक, दोनों नेताओं ने आतंकवाद से मुकाबले पर सहयोग को मजबूत करने की जरूरत तथा संपर्क संबंधी मुद्दों पर चर्चा की। जयशंकर ने कहा कि विश्वास को और मजबूत करने तथा एक दूसरे के प्रति झुकाव को लेकर वार्ता हुई। उन्होंने कहा कि सीमा संबंधी मुद्दे खासकर शांति बरकरार रखने तथा सीमा पर शांति के संबंध में वार्ता हुई। विदेश सचिव ने कहा कि व्यापार घाटा, निवेश के अनुकूल माहौल तथा संपर्क संबंधी मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

शी ने कहा कि ऐसा पहली बार है कि वह किसी विदेशी नेता से बीजिंग के बाहर मुलाकात कर रहे हैं। जयशंकर ने कहा कि दोनों नेताओं ने सीमा पार नदियों पर सूचनाएं साझा करने को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि वार्ता बेहद विस्तृत फलक पर हुई। इस दौरान क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दे उठे। वार्ता बेहद संतोषजनक रही और माहौल बेहद अनुकूल रहा।

उन्होंने कहा कि चीनी राष्ट्रपति ने मोदी के नेतृत्व में गुजरात में चमत्कार की बात की और कहा कि प्रधानमंत्री ऐसा राष्ट्रीय स्तर पर करने का प्रयास कर रहे हैं। जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद का मुद्दा तो स्वाभाविक तौर पर उठना ही था। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद रोधी सहयोग की जरूरत को मजबूत करने पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि वार्ता के दौरान काबुल और कराची में आतंकवादी हमलों का हवाला भी दिया गया।

उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बुधवार को तालिबान के हमले में चार भारतीयों सहित 14 लोग मारे गए। वहीं, बुधवार को ही कराची में एक बस पर हुए एक आतंकवादी हमले में कम से कम 45 लोग मारे गए।

उन्होंने कहा कि नेपाल पर भी चर्चा हुई कि भारत और चीन किस तरह वहां सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “वार्ता के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधार तथा परमाणु आपूर्ति समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता का मुद्दा भी उठा।” बाद में मोदी तथा शी ने बौद्ध धर्म के पवित्र स्थल वाइल्ड गूज पैगोडा का दौरा किया। पांच मंजिला इस पैगोडा का निर्माण 652 ईस्वी में त्यांग राजवंश द्वारा कराया गया था। मोदी ने पैगोडा के एक पुजारी को महाबोधि वृक्ष का एक पौधा भेंट किया।

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इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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