Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

मोदी विरोधी पोस्ट पर उत्पीड़न मामले की जांच शुरू

Published

on

Loading

पणजी| गोवा सरकार के लोक शिकायत विभाग ने जहाज निर्माण के पेशे से जुड़े देवु छोडणकर की ओर से दर्ज की गई उत्पीड़न की शिकायत की जांच शुरू कर दी है। दरअसल, देवु ने फेसबुक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के विरोध में पोस्ट डाले थे, जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया था। यह मुद्दा बीते साल काफी चर्चा का विषय रहा था।

मोदी उस समय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे और पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री थे।

गोवा पुलिस साइबर सेल ने मई 2014 में देवु को कथित रूप से फेसबुक पर मोदी और पर्रिकर विरोधी पोस्ट लिखकर क्षेत्र में अशांति फैलाने के आरोप में गिरफ्तार करने की धमकी दी थी।

देवु ने यह पोस्ट 2014 लोकसभा चुनाव के समय डाला था जिसमें लिखा था, “पर्रिकर सरकार की कुटिल नीतियों के माध्यम से यहां भी गुजरात जैसे नरसंहार के आसार बन रहे हैं।”

विशाखापत्तनम में रहने वाले 32 वर्षीय गोवा निवासी देवु ने सांप्रदायिक एवं सामाजिक शांति को भंग करने के लिए उनकी गिरफ्तारी के पुलिस के प्रयास के बीच 21 मई, 2014 को शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन उनकी शिकायत पर जांच इस साल आठ अप्रैल को शुरू हुई है।

गोवा सरकार के लोक शिकायत प्रभारी सचिव फ्रांसकिन्हा ओलिवीरा ने पुलिस महानिदेशक से आठ अप्रैल को हुई बातचीत में उन्हें देवु की शिकायत की जांच शुरू करने, याचिकाकर्ता की शिकायत दूर करने सहित तीन सप्ताह के अंदर मामले पर की गई कार्रवाई की जानकारी शिकायतकर्ता को देने के निर्देश दिए।

देवु ने अपनी शिकायत में कहा है कि धर्मनिरपेक्ष लोगों को निशाना बनाने के लिए फासीवादी और सांप्रदायिक लोगों की ओर से झूठी प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कराई गई है।

देवु के विवादित फेसबुक पोस्ट पर गोवा के कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष अतुल पुरी काने ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी, हालांकि देवु ने अपने पोस्ट बाद में हटाकर मांफी भी मांगी थी।

देवु के खिलाफ उस समय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66-ए के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने बीते मार्च महीने में रद्द कर दिया है।

देवु के वकील जतिन नायक ने आईएएनएस को बताया कि गोवा सरकार के लोक शिकायत विभाग ने देर से ही सही लेकिन शिकायत की जांच शुरू कर दी है।

उन्होंने कहा, “यह साफ तौर पर देर से न्याय मिलने का मामला है।”

नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

Published

on

Loading

नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

Continue Reading

Trending