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मोदी ने जानबूझकर साधी चुप्पी : थरूर

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार के मंत्रियों के विवादास्पद बयानों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि गैर जिम्मेदाराना बयानों पर मोदी को उनसे इस्तीफे ले लेना चाहिए था। थरूर ने यहां ताजमहल होटल में नौवें जयपुर साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे।

उन्होंने कहा, “मंत्रियों व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई वरिष्ठ सदस्यों द्वारा दिए गए गैर जिम्मेदाराना बयानों से बेहद निंदाजनक माहौल बन गया है।” थरूर ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन विचारों को अस्वीकार्य करार देते हुए जहर उगलने वाले मंत्रियों का इस्तीफा मांगकर कई शंकाओं को विराम दे सकते थे। लेकिन उन्होंने बयानों की निंदा करने की जगह चुप्पी साधना सही समझा और यह बात कोई भी समझ सकता है कि यह बांटने की सोच को बढ़ावा देने की एक राजनीतिक रणनीति है।”

उन्होंने सरकार से सम्मान की धारणा व मतभेदों की स्वीकृति पर आम सहमति बनाने का अनुरोध किया। थरूर ने कहा, “तिरूवनंतपुरम लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधि होने पर मुझे गर्व है, जहां एक तरफ पालायम मस्जिद है, तो दूसरी तरफ सेंट जोसेफ गिरजाघर और इसके निकट में राज्य का सबसे पुराना गणपति मंदिर। और तीनों समुदायों के श्रद्धालु एक-दूसरे के पर्व-त्योहारों में हर्षोल्लास के साथ हिस्सा लेते हैं। मतभेदों पर केवल सम्मान की धारणा ही आम सहमति ला सकती है।”

इस मौके पर ऑब्जर्व रिसर्च फाउंडेशन के सुधींद्र कुलकर्णी ने कहा कि भाजपा से उनके अलग होने का कारण उनके घोषणापत्र में धर्मनिरपेक्षता का नहीं होना ही था। कुलकर्णी ने कहा, “मेरा भाजपा को छोड़ने का कारण उनके घोषणापत्र में धर्मनिरपेक्षता का नहीं होना था। प्रधानमंत्री उन तत्वों पर कैसे लगाम लगा सकते हैं, जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने साल 2020 तक देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की घोषणा कर दी है।”

चर्चा में शामिल लेखक, राजनयिक व जनता दल (युनाइटेड) के नेता पवन वर्मा ने कहा, “देश में असहिष्णुता बढ़ रही है। लेकिन मेरा मानना है कि सहिष्णुता के साथ रहने की भारत में वह ताकत है।”

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रायबरेली में होगी अमेठी से भी बड़ी हार, बीजेपी का राहुल गांधी पर निशाना

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लखनऊ। कांग्रेस ने रायबरेली और अमेठी से उम्‍मीदवार कौन होगा? इसपर सस्‍पेंस खत्‍म कर दिया है। पार्टी ने शुक्रवार को नामांकन के आखि‍री द‍िन नई ल‍िस्‍ट जारी कर इन दोनों सीटों पर प्रत्‍याशि‍यों के नाम का एलान कर द‍िया है। कांग्रेस ने अमेठी से केएल शर्मा को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस की पारंपरिक सीट रायबरेली से खुद राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद भाजपा ने राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर निशाना साधा है।

उपमुख्मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘राहुल गांधी और गांधी परिवार में अमेठी-रायबरेली से चुनाव लड़ने का साहस नहीं हो रहा है, लेकिन किसी ने उन्हें (राहुल गांधी) समझाया होगा कि पिछली बार सोनिया गांधी इतने मतों से जीत गई थीं इसलिए आप अमेठी न जाकर रायबरेली चलिए। रायबरेली में राहुल गांधी की अमेठी से भी बड़ी पराजय होने जा रही है। हम ये दोनों सीटें तो बहुत बड़ें नंबर से जीतेंगे ही साथ ही उत्तर प्रदेश की 80 की 80 सीटें भी जीतेंगे’

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि राहुल गांधी पहले अमेठी छोड़कर वायनाड भाग गए थे, अब वायनाड छोड़कर रायबरेली आ गए हैं, रायबरेली के लोग उन्हें कभी स्वीकार नहीं करेंगे। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी पारी को लेकर जिस तरह का माहौल बना है, वही कारण है कि कांग्रेस पहले तो तय नहीं कर पा रही थी कि क्या करना चाहिए। पिछली बार राहुल गांधी अमेठी से हार कर केरल की तरफ भागे थे। अब वायनाड से हार की आशंका देखते हुए रायबरेली आ गए। उत्तर प्रदेश का माहौल मोदीमय हो चुका है। हम पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ने जा रहे हैं… रायबरेली की जनता भी उनका(राहुल गांधी) इंतजार कर रही है कि कांग्रेस ने पीएम मोदी के बारे में जो भी हल्की बातें कही हैं उसका हिसाब उन्हें देना पड़ेगा।’

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