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मोदी ने की अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की अगुवाई

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मोदी ने की अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की अगुवाई

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के शुभारंभ पर राजपथ पर रिकॉर्ड तोड़ 37,000 हजार योगार्थियों के साथ एक योग कार्यक्रम की अगुवाई की। मोदी ने राजपथ पर अपने भाषण में 21 जून को मानव मन को शांति और सौहार्द्र का प्रशिक्षण देने के युग की शुरुआत बताया।

मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के शुभारंभ के प्रतीक एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि योग न केवल शरीर को लचीला बनाने का कसरत है, बल्कि यह आंतरिक विकास का मार्ग भी है। राजपथ पर पूरी बांह के ढीले-ढाले सफेद कुर्ते और तिरंगे वाले स्टॉल में योग करते दिखे मोदी ने कहा, “यह शांति और सौहार्द्र के लिए मानव मन को प्रशिक्षण देने के नए युग का प्रतीक है।”

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आधिकारिक कार्यक्रमों में देशभर से 20 करोड़ से ज्यादा लोगों ने भाग लिया। योग दिवस पर भारतीय मिशनों और योग केंद्रों द्वारा 192 देशों में भी योग संबंधी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। राजपथ पर योग कार्यक्रम में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा, नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय, अफगानिस्तान के राजदूत शैदा मोहम्मद अब्दाली, असंख्य विदेशी राजनयिक और भारत में पढ़ रहे विदेशी विद्यार्थियों ने विभिन्न योग किए।

योग कार्यक्रम में उपस्थित नामचीन हस्तियों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग और दिल्ली की पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी किरण बेदी सहित अन्य लोगों के नाम शामिल हैं। मोदी ने राजपथ पर उमड़े जनसैलाब के बारे में कहा, “क्या किसी ने कभी सोचा था कि राजपथ योगपथ बन सकता है?” मोदी ने रविवार को ‘कॉमन योग प्रोटोकॉल’ में दर्ज सभी 35 आसन किए। राजपथ पर आयोजित डेढ़ घंटे के योग कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री के आगमन के साथ करीब 6.45 बजे हुई। यह आठ बजे संपन्न हुआ। इसके कुछ मिनट बाद ही बारिश की फुहारों ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को भिगो दिया।

मुस्लिम योगार्थियों ने भी इस कार्यक्रम में पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। विवेक विहार स्थित सरकारी स्कूल के छात्र मोहम्मद असीम(11) ने कहा कि उसे योग करके मजा आया। वहीं, अमेरिका के राजनयिक ने कहा कि उन्हें योग सत्र ‘बढ़िया’ लगा और वह इसमें शामिल होकर खुश हैं। बुर्किना फासो के राजनयिक इदरिस रउआ औएद्राओगो पिछले 27 वर्षों से योगाभ्यास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें इस कार्यक्रम का हिस्सा बनकर खुशी हुई।

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जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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