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अन्तर्राष्ट्रीय

मोदी का बर्लिन में भव्य औपचारिक स्वागत

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बर्लिन | जर्मनी की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान मंगलवार को हनोवर से बर्लिन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यहां पर भव्य स्वागत किया गया। फेडरल चांसलरी पहुंचने पर जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने मोदी का स्वागत किया।

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मर्केल द्वारा दिए गए भोज में शामिल हुए। भोज के बाद दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत होगी। प्रधानमंत्री मोदी इसके बाद जर्मनी के एक रेलवे स्टेशन का दौरा करेंगे। इससे पहले वह जर्मनी के विदेश मंत्री फ्रैंक वाल्टर स्टीनमीयर से मिले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा पर हैं। जर्मनी उनकी यात्रा का दूसरा पड़ाव है। जर्मनी से पहले वह फ्रांस गए थे। कनाडा उनकी यात्रा का तीसरा और आखिरी पड़ाव होगा। अपने जर्मन प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 अप्रैल को हनोवर पहुंचे थे, जहां पर उन्होंने हनोवर मेसे में भाग लिया। भारत इस मेले का साझेदार देश है।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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