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मनोरंजन

‘मोगली’ के रचयिता किपलिंग का घर बनेगा पर्यटन केंद्र

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अपनी पुस्तक ‘द जंगल बुक’ के चरित्र मोगली के लिए सुविख्यात नोबेल पुरस्कार प्राप्त लेखक रुडयार्ड किपलिंग ने दक्षिण मुंबई के जिस बंगले में जन्म लिया था उसे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। यह बंगला सर जे. जे. कला स्कूल के वृक्षों से भरे परिसर में स्थित है तथा यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किए जा चुके छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के नजदीक है। इसके अलावा किपलिंग के इस जन्मस्थल के नजदीक क्रॉफोर्ड बाजार, मुंबई पुलिस कमिश्नरी जैसे कई धरोहर इमारतें हैं।

इस बंगले में किपलिंग संग्रहालय और पुस्तकालय भी स्थापित किया जाएगा तथा देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए साहित्यिक एवं सांस्कृतिक आयोजन भी किए जाएंगे।

राज्य के शिक्षा एवं सांस्कृतिक मंत्री विनोद तावड़े ने बुधवार को रुडयार्ड किपलिंग के इस जन्मस्थल को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की घोषणा की।

इस बंगले में मौजूद सभी कलाकृतियों को संरक्षित कर प्रदर्शित किया जाएगा। इसके लिए धनराशि राज्य का सांस्कृतिक मंत्रालय देगा और मंत्रालय ही इमारत में मौजूद लकड़ी और पत्थर के संरचनाओं को पुनर्निर्मित एवं संरक्षित करेगा तथा देख-रेख करेगा।

किपलिंग को 1907 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया तथा साहित्य का नोबेल पाने वाले वह अंग्रेजी भाषा के पहले लेखक बने।

इंग्लैंड वासी कला शिक्षक, चित्रकार एवं निरीक्षक जॉन लॉकवुड किपलिंग और एलिस किपलिंग के घर 30 दिसंबर, 1865 को रुडयार्ड ने जन्म लिया।

रुडयार्ड का जन्म वास्तव में मौजूदा बंगले के ठीक बगल में एक अन्य इमारत में हुआ था, जिसे पिछली एक सदी से ‘किपलिंग बंगला’ के नाम से जाना जाता है।

1857 में जब मुंबई के परोपकारी स्वभाव के कारोबारी जमशेदजी जीजाभाई ने सर जे. जे. कला स्कूल की स्थापना की तो यह किपलिंग बंगला स्कूल परिसर के अंदर आ गया।

इस कला स्कूल को 1866 में सरकार ने अधीग्रहण कर लिया और रुडयार्ड के पिता लॉकवुड किपलिंग को इसका संकायाध्यक्ष नियुक्त किया। लॉकवुड तब स्कूल के परिसर के अंदर स्थित इसी बंगले में रहते थे।

मौजूदा किपलिंग बंगला से कुछ ही मीटर की दूरी पर स्थित जिस इमारत में रुडयार्ड का जन्म हुआ था वह कई बार ध्वस्त हुआ और पुनर्निर्मित किया गया।

रुडयार्ड ने जन्म लेने के बाद अपने शुरुआती पांच वर्ष इसी इमारत में बिताए और उसके बाद उनका परिवार इंग्लैंड वापस चला गया।

रुडयार्ड हालांकि 16 वर्ष की अवस्था में एक बार फिर भारत लौटे। तब उन्होंने लाहौर में रहना शुरू किया और नोबल से पुरस्कृत होने के बाद रुडयार्ड ने 1930 में अपने जन्मस्थल को दोबारा दौरा किया।

प्रादेशिक

धनबाद में बॉलीवुड एक्टर पंकज त्रिपाठी के जीजा की सड़क हादसे में मौत, बहन की हालत गंभीर

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धनबाद। बॉलीवुड एक्टर पकंज त्रिपाठी के जीजा राकेश तिवारी की एक सड़क हादसे में मौत हो गई है। वहीं उनकी बहन की हालत गंभीर है जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।.हादसा बेहद भीषण था जिसमें उनकी कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई है। ये एक्सिडेंट शनिवार की शाम करीब चार बजे धनबाद जिले के निरसा चौक के पास हुआ है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राकेश तिवारी पत्नी सरिता तिवारी के साथ अपनी कार से धनबाद से कोलकाता जा रहे थे। चश्मदीदों के मुताबिक कार तेज रफ्तार में थी। निरसा चौक पर एक ऑटो को बचाने के चक्कर में कार अनियंत्रित हो गई और डिवाइडर से टकरा गई। इसमें कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।

हादसे में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे। स्थानीय लोगों की मदद से एंबुलेस से धनबाद एसएनएमएमसीएच भेज दिया गया था। यहां राकेश तिवारी की इलाज के दौरान मौत हो गई। हालांकि, उनकी पत्नी की हालत गंभीर बनी हुई है. हादसे की खबर पाकर पंकज त्रिपाठी मुंबई से कोलकाता एयरपोर्ट उतरकर निजी कार से धनबाद के लिए रवाना हो गए हैं।

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