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मुख्य समाचार

पाकिस्तान से अपने वतन लौटी गीता

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नई दिल्ली | गलती से सीमा पार कर जाने के कारण पिछले एक दशक से भी अधिक समय से पाकिस्तान में फंसी गीता की घर वापसी हो गई है। सोमवार को गीता पाकिस्तान से भारत पहुंच गई। साल 2003 में जब वह गलती से सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गई थी तो उस समय उसकी उम्र लगभग 11 वर्ष थी और आज उसकी उम्र 23 साल के आसपास है। लाहौर में पाकिस्तान रेंजर्स ने गीता को देखा था और उन्होंने उसे एधी फाउंडेशन को सौंप दिया था, जिसने अब तक उसकी देखभाल की। इस फाउंडेशन के संचालक बिलकिस एधी ने उसका नाम गीता रखा था।

पाकिस्तान एयरलाइंस की उड़ान संख्या 272 से जब गीता सोमवार को इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरी तो यहां उसकी अगवानी के लिए भारत और पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी मौजूद थे। पाकिस्तान उच्चायोग के मुताबिक, गीता के साथ पाकिस्तान की सामाजिक कल्याण संस्था ‘एधी फाउंडेशन’ के सदस्य भी भारत पहुंचे हैं। गीता को लेकर पाकिस्तान एयरलाइंस का विमान सुबह 10.30 बजे इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंचा, जहां से उसे सीधे विदेश मंत्रालय ले जाया गया।

हवाईअड्डे पर गीता के दोनों भाई और भाभी भी मौजूद थे। वे अपने वकील मोहम्मद मोमीन के साथ हवाईअड्डे पर पहुंचे। पाकिस्तान उच्चायोग के मीडिया प्रभारी मंजूर अली मेनन ने संवाददाताओं को बताया कि उच्चायोग गीता के स्वागत में शाम को एक कार्यक्रम का आयोजन करेगा। मेमन ने हालांकि यह भी कहा कि सलमान खान अभिनीत फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ का गीता की घर वापसी से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि गीता की मुल्क वापसी की प्रक्रिया 2012 में ही शुरू हो गई थी।

उन्होंने कहा यह दो देशों के बीच प्यार और स्नेह का संदेश है और इसका फिल्म से कोई लेना-देना नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने गीता की घर वापसी से पहले कहा था कि वह पहले ही एक परिवार की पहचान कर चुकी है, जो संभवत: उसके माता-पिता हो सकते हैं। स्वरूप ने कहा हम पुख्ता सबूतों के लिए डीएनए जांच करेंगे। यदि डीएनए जांच सही पाई जाती है तो गीता को उस परिवार को सौंप दिया जाएगा। यदि ऐसा नहीं होता है तो हम गीता को ऐसे संस्थान में रखेंगे, जहां उसकी उचित देखभाल की जाएगी।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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