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मुस्लिम सरयू पार मस्जिद बनाने का प्रस्ताव मान लें तो बहतर होगा वर्ना

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मुस्लिम, सरयू, सुब्रह्मण्यम स्वामी, रामजन्मभूमि, बाबरी मस्जिद

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नई दिल्ली। बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने राम मंदिर मुद्दे पर आज एक के बाद एक कई ट्वीट किए। इससे पहले मंगलवार को इस मुद्दे पर कोर्ट में केस लड़ रहे बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी से कोर्ट ने कहा था कि वो कोर्ट के बाहर इस मुद्दे को बातचीत से हल करने की कोशिश करें।

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स्वामी ने लिखा है कि ‘मुस्लिम उनका सरयू पार मस्जिद बनाने का प्रस्ताव मान लें वर्ना 2018 में उनकी सरकार मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने का काम करेगी।’

दूसरे ट्वीट में स्वामी ने ये चुनौती भी दी है कि किसी में हिम्मत है तो रामजन्मभूमि में बने अस्थायी रामलला मंदिर को गिरा कर दिखाए। स्वामी ने लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट की इजाज़त से 1994 से ही राम जन्मभूमि में रामलला का अस्थायी मंदिर विराजमान है और वहां पूजा भी जारी है। क्या इसे कोई गिराने की हिम्मत कर सकता है?

वहीं सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने अयोध्या विवाद का समाधान अदालत से बाहर किए जाने की संभावनाओं से इनकार किया। कमेटी के समन्वयक जफरयाब जिलानी ने हालांकि कहा कि यदि सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश मामले में स्वयं दखल दें और मध्यस्थता करें तो इसका स्वागत किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘मामले का बातचीत के जरिए समाधान संभव नहीं है। इसका निपटारा अदालत में ही होना चाहिए।’
कांग्रेस ने कहा कि अगर दोनों समाज के लोगों में आम राय से सहमति बनती है तो यह शांति बनाये रखने और सामाजिक सद्भाव का सबसे अच्छा रास्ता होगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद मुद्दे पर अहम टिप्पणी की है। इस मुद्दे पर कोर्ट में केस लड़ रहे बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी से कोर्ट ने कहा है कि वह कोर्ट के बाहर इस मुद्दे को बातचीत से हल करने की कोशिश करें। इसके अलावा, जरूरत पड़ने पर कोर्ट भी इस मामले में मध्यस्थता करने के लिए तैयार है। वहीं, सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस रुख का स्वागत किया है।

 

नेशनल

भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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