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प्रादेशिक

खुद को हिंदू बताकर मुस्लिम महिला ने की पुजारी से शादी, सुहागरात के बाद हुआ कुछ ऐसा….

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भोपाल। मध्य प्रदेश राजगढ़ जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला ने खुद को हिंदू बताकर पुजारी से शादी कर ली और अगले दिन भागने की कोशिश में पकड़ी गई।

अपनी पोल खुलते देख महिला ने हंगामा करना शुरू कर दिया जिसके बाद मौके पर पहुंचकर पुलिस ने लुटेरी दुल्हन को गिरफ्तार कर लिया।

मामला राजगढ़ के खिलचीपुर के गादिया कला गांव का है। दरअसल, यहां एक पुजारी से दलाल ने सवा लाख रुपए लेकर एक शादीशुदा मुस्लिम महिला को हिंदू बताकर पुजारी से करा दी।

महिला ने शादी के अगले ही दिन भागने का प्रयास किया तो लोगों ने उसे रोका। इसके बाद महिला ने हंगामा खड़ा कर दिया। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया।

पीड़ित का नाम अशोक है। अशोक काफी समय से अपनी शादी की कोशिश में था। इसी बात का फायदा उठाते हुए नारायण नाम के दलाल ने उससे सवा लाख रुपए एक महिला से शादी करा दी।

पीड़ित पुजारी के मुताबिक नारायण ने उस महिला का नाम गीता बताया गया था। इसके बाद महिला को राजगढ़ बुलाते हुए नारायण ने मंदिर में दोनों की शादी करा दी। बाद में कोर्ट मैरिज कराने की बात कर वह सवा लाख रुपए लेकर निकल गया।

शादी के बाद गादिया कला पहुंची महिला ने बीमार होने का बहाना बनाना और इलाज के लिए खिलचीपुर लाने पर वहां से भागने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया।

महिला ने पुलिस के सामने सारी कहानी बताई। उसका नाम हिना खान है और शादीशुदा है। वह मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा की रहने वाली है। पुलिस उसे गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है। हालांकि अभी दलाल नारायण सिंह का कुछ पता नहीं चल पाया है।

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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