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मुझे एक मौका दें : गजेंद्र चौहान

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भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के चेयरमैन पद पर अभिनेता व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य गजेंद्र चौहान की नियुक्ति की खबर आने पर संस्थान के विद्यार्थियों द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने के बाद चौहान ने कहा है कि उनके बारे में कोई राय बनाने से पहले वह अपनी क्षमता दिखाने का एक मौका पाने के हकदार हैं। चौहान ने विद्यार्थियों के साथ एक बैठक का आग्रह भी किया और कहा कि किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले मामले पर बैठ कर बातचीत कर लेनी चाहिए।

उन्होंने कहा, “मेरी पृष्ठभूमि जाने बगैर, मुझे जाने बगैर, मेरी क्षमताओं को जाने बगैर, उन्होंने (विद्यार्थी) अपने से (विरोध करने का) निर्णय लिया है।

चौहान ने टाइम्स नाउ से कहा, “मैं उनसे अनुरोध करूंगा कि बातचीत की मेज पर आएं और बातचीत करें। यदि आप अब भी ऐसा ही सोचते हैं तो हम कोई दूसरा विकल्प चुनेंगे। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने मेरे नाम पर निर्णय सोच-विचार कर लिया है। उन्होंने मेरी पृष्ठभूमि और मेरी क्षमताओं को हर हाल में जांचा-परखा होगा। यह सिर्फ मेरे पार्टी (भाजपा) से जुड़े होने के कारण नहीं हुआ है, इसमें अन्य चीजें भी हैं।”

रपट के अनुसार, संस्थान के विद्यार्थी यह कहते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए कि यह नियुक्ति राजनीति से प्रेरित है।

चौहान बी.आर. चोपड़ा द्वारा निर्मित-निर्देशित ‘महाभारत’ में युधिष्ठिर की भूमिका के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने ‘तुमको ना भूल पाएंगे’ और ‘बागबां’ जैसी फिल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाएं भी निभाई है।

एक रपट में यह भी कहा गया है कि विद्यार्थियों की परिषद ने किसी दूसरे अध्यक्ष की तत्काल नियुक्ति करने की मांग की है, जो संस्थान के कामकाज के साथ न्याय करने के लिहाज से योग्य हो।

परिषद के अध्यक्ष हरिशंकर नचिमुथू से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें अभी आगे की कार्रवाई पर निर्णय लेना है।

नचिमुथू ने आईएएनएस को फोन पर बताया, “हम आपस में कुछ चर्चा कर रहे हैं। हम दरअसल रणनीति तैयार कर रहे हैं, क्योंकि संस्थान सोमवार को खुलेगा। आज के बहिष्कार की जरूरत नहीं थी, क्योंकि आज छुट्टी का दिन है।”

इस बीच चौहान ने जोर देकर कहा कि वह पिछले 34 वर्षो से मनोरंजन उद्योग का हिस्सा हैं और उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि उन्हें संस्थान में काम करने दिया जाए।

पत्र सूचना कार्यालय ने मंगलवार को जारी एक विज्ञप्ति में चौहान की नियुक्ति की घोषणा की थी।

 

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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