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अन्तर्राष्ट्रीय

मिस्र में 98 आतंकवादी मारे गए

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काहिरा| मिस्र में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खिलाफ चलाए गए सेना के अभियान में सिनाई प्रायद्वीप में 98 आतंकवादी मारे गए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रपट के अनुसार, सैन्य प्रवक्ता मोहम्मद समीर ने कहा, “उत्तरी सिनाई के पास आतंकवादियों के खिलाफ की गई कार्रवाई में शुक्रवार को 98 आतंकवादियों को मार गिराया गया।”

सेना ने रफाह, शेख जुवेद और अल-एरिश के सिनाई नगरों के चारों ओर ‘शहीदों का अधिकार’ नामक अभियान चलाया। इस अभियान के तहत चार दिनों में कम से कम 232 आतंकवादियों को मारा जा चुका है।

मिस्र में सेना द्वारा साल 2013 में इस्लामिक राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद लगातार आकंवादी हमले हो रहे हैं। मोहम्मद मुर्सी को उनके शासन के खिलाफ जनता द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के कारण निष्कासित किया गया।

मिस्र में आतंकवादियों द्वारा किए जाने वाले अधिकतर हमलों की जिम्मेदारी अंसार अल मकदीस गिरोह ने ली है, जिसने पिछले साल अपना नाम बदलकर ‘सिनाई स्टेट’ कर लिया और आईएस के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की।

इन हमलों की प्रतिक्रिया में सेना ने साल 2013 से प्रायद्वीप में आतंकवादियों के सफाये के लिए व्यापक अभियान शुरू किया।

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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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