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महिला सशक्तीकरण में पीछे हैं अखिलेश

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लखनऊ| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सूबे में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर तमाम कोशिशों में जुटे हुए हैं, लेकिन परिणाम इसके विपरीत हैं। अखिलेश सरकार के ढाई साल के कामकाज पर नजर डालें तो फिलहाल वह महिला सशक्तीकरण के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के अंतिम ढाई वर्षो के कामकाज से काफी पीछे हैं। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी में यह तथ्य सामने आया है।

सामाजिक व आरटीआई कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा ने 15 सितंबर 2014 को उप्र राज्य महिला आयोग से सूचना के अधिकार के तहत अखिलेश राज के शुरुआती ढाई साल और मायावती के अंतिम ढाई वर्षो के दौरान महिला सुरक्षा को लेकर किए गए कामकाज की जानकारी मांगी थी। आयोग की तरफ से 17 दिसंबर 2014 को इसकी जानकारी दी गई, जिसमें काफी चौंकाने वाली बातें हैं।

उर्वशी शर्मा ने आईएएनएस को बताया, “महिला आयोग में मेरे द्वारा दायर एक आरटीआई से खुलासा हुआ है कि मायावती के नेतृत्व बाली बहुजन समाज पार्टी सरकार के मुकाबले अखिलेश के नेतृत्व वाली समाजवादी सरकार में महिला आयोग में दर्ज शिकायतों में 42 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि मामलों के निस्तारण में 45 फीसदी की कमी आई है।”

उन्होंने बताया कि मायाराज में महिला आयोग में दर्ज शिकायतों के निस्तारण की दर 85 फीसदी थी जो अखिलेश के समय में घटकर महज 33 प्रतिशत रह गई है। महिला आयोग में लंबित मामलों में 557 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

उर्वशी की मानें तो ये सभी आंकड़े मायावती के अंतिम ढाई वर्ष के कार्यकाल और अखिलेश के आरंभिक ढाई वर्ष के कार्यकाल के हैं।

उन्होंने बताया कि महिला आयोग के आंकड़े बताते हैं कि मायावती के अंतिम ढाई वर्ष के कार्यकाल (15 सितंबर 2009 से 14 मार्च 2012) में महिला आयोग के पास महिला उत्पीड़न के 55301 मामले पंहुचे जो अखिलेश के आरंभिक ढाई वर्ष के कार्यकाल (15 मार्च 2012 से 14 सितंबर 2014) में बढ़कर 78483 हो गए।

मायावती राज के अंतिम ढाई वर्ष में महिला आयोग द्वारा महिला उत्पीड़न के 47319 मामले निस्तारित हुए जो अखिलेश के आरंभिक ढाई वर्ष के कार्यकाल (15 मार्च 2012 से 14 सितंबर 2014) में घटकर 26007 रह गए।

उर्वशी ने बताया कि हैरानी की बात है कि वित्तवर्ष 2014-15 में 16 दिसंबर तक राज्य महिला आयोग गैर वेतन मद में प्राप्त 1 करोड़ रुपये में से 40 लाख से भी कम राशि ही खर्च कर पाया है।

वह कहती हैं, “इन आंकड़ों से उप्र पुलिस की महिलाओं को सुरक्षा न्याय दे पाने में विफलता भी सामने आ रही है क्योंकि कोई भी महिला पुलिस से निराश होने पर ही महिला आयोग का दरवाजा खटखटाती है। महिला आयोग की अकर्मण्यता का तो हाल ये है कि 25 सदस्यीय महिला आयोग वित्तवर्ष 2014-15 के 71 फीसदी समय में गैर वेतन मद का महज 40 प्रतिशत ही खर्च कर पाया है।

मुख्यमंत्री अखिलेश भले ही सैफई महोत्सव में महिला सशक्तीकरण की बात करें, कैबिनेट में राज्य महिला सशक्तीकरण मिशन के लिए प्रावधान को मंजूरी दें, रानी लक्ष्मीबाई सम्मान कोष की स्थापना करें या महिला हेल्पलाइन की बात करें, लेकिन राज्य महिला आयोग के आंकड़ों को यदि सच माना जाए तो महिलाओं के सम्मान को सुरक्षित रखने, महिलाओं के विरुद्ध अपराधों पर लगाम लगाने और पीड़ित महिलाओं को मदद मुहैया कराने में उतने सफल नहीं हो पाए हैं।

उत्तर प्रदेश

सीएम योगी काट डालने की धमकी देने वाला शख्स प्रयागराज से गिरफ्तार, रोते हुए बोला-गलती हो गई

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प्रयागराज। एक यू ट्यूबर से बात करते हुए सीएम योगी को काट डालने की धमकी देने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी शख्स का नाम शमीम है। उसका एक वीडियो बीते दिनों वायरल हुआ था जिसमें वो कह कह रहा था, ‘कौन है योगी आदित्यनाथ? अगर हिम्मत है तो हमारे लालगोपालगंज इलाके में आए। हमारे ऊपर बुलडोजर चलाकर दिखा दें। बकरा बनाकर काटेंगे। चैलेंज, खुल्ला चैलेंज।’

पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी शमीम ने बताया कि नशे की हालत में यूट्यूबर ने उसे उकसाकर सीएम के लिए अपशब्द बुलवा लिए थे। नशा उतरने पर उसे अपनी गलती का आभास हुआ तो उसने यूट्यूबर से संपर्क कर माफी का वीडियो भी बनवाया और उसे अपलोड करने की बात कही। लेकिन उसने माफी वाला वीडियो जारी नहीं किया। इसके बाद उसने खुद माफ़ी मांगने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल करने का प्रयास किया था।

जानकारी के मुताबिक, सोमवार की रात में प्रयागराज पुलिस ने रेलवे स्टेशन के पास चेकिंग के दौरान एक युवक को पकड़ा। जिसके पास से तमंचा कारतूस और देशी बम और चोरी का मोबाइल बरामद हुआ। पुलिस युवक को थाने लाकर पूछताछ की तो पता चला कि ये वही युवक है, जिसने कुछ दिनों पहले ही सीएम योगी आदित्यनाथ को काट डालने की धमकी दी थी। इस मामले में भी पुलिस ने आरोपी शमीम के खिलाफ केस भी दर्ज कर किया था। इसके बाद उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की टीम दिल्ली तक गयी थी लेकिन पुलिस से बचने के लिए ही वो दिल्ली से भागकर प्रयागराज पहुंच गया था और यहां पर छिपकर रह रहा था।

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