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महात्मा गांधी की जगह मोदी की तस्वीर पर विपक्ष बरसा

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   Prime Minister Narendra Modi

                  Prime Minister Narendra Modi

नई दिल्ली | खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के कैलेंडर व डायरी पर महात्मा गांधी की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के मुद्दे ने सियासी रंग ले लिया है। इस मुद्दे पर शुक्रवार को विपक्ष ने प्रधानमंत्री को आड़े हाथ लिया। गुरुवार को आईएएनएस ने अपनी एक खबर में बताया था कि केवीआईसी के कैलेंडर व डायरी के कवर पेज पर एक साधारण चरखे पर खादी बुनते महात्मा गांधी की चिर-परिचित तस्वीर की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर ने ले ली है।

कांग्रेस, वाम मोर्चा, तृणमूल कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी (आप) सहित विपक्षी पार्टियों ने एकजुट होकर इस घटना की निंदा की है और जोर देकर कहा है कि राष्ट्रपिता को ‘बदला’ नहीं जा सकता।

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीतराम येचुरी ने आईएएनएस से कहा, “इस तरह की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। महात्मा गांधी की जगह कोई नहीं ले सकता। इस तरह की बातें प्रधानमंत्री कार्यालय को शोभा नहीं देतीं।”

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता गुरुदास दासगुप्ता ने आईएएनएस से कहा, “अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए मेरे पास एक ही शब्द है, यह ‘घटिया’ हरकत है।” कांग्रेस ने इस कदम को पापकर्म करार दिया है। पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधा।

राहुल ने आईएएनएस की खबर को ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा, “मंगलयान का प्रभाव।” कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “खादी तथा गांधीजी हमारे इतिहास, आत्मनिर्भरता तथा संघर्ष के प्रतीक हैं। गांधीजी की तस्वीर हटाना पापकर्म है।” उन्होंने कहा, “यह विडंबना ही है कि मोदी, महात्मा गांधी से अहिंसा का प्रतीक लेने का प्रयास कर रहे हैं।”

इस घटना की निंदा करते हुए जनता दल (युनाइटेड) ने मोदी के तस्वीर वाले कैलेंडर तथा डायरी को नष्ट करने की मांग की है। जद (यू) के प्रवक्ता के.सी.त्यागी ने कहा, “हम फैसले की हम कड़ी निंदा करते हैं। यह हमारे महात्मा, राष्ट्रनायक व प्रेरणा का अपमान है। वह सबसे ऊपर हैं और मोदी उनके सामने कुछ नहीं हैं। केवीआईसी को कैलेंडर तथा डायरी को दोबारा जारी करना चाहिए, जिसमें महात्मा गांधी की तस्वीर हो।”

तृणमूल कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य एस.एस.रॉय ने आईएएनएस से कहा, “महात्मा गांधी 20वीं सदी के सबसे महान नेता थे, वह भी केवल भारत में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में। कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी महत्वपूर्ण क्यों न हो, किसी भी पद पर क्यों न हो, उनकी जगह नहीं ले सकता। महात्मा गांधी के साथ किसी भी तरह की तुलना पूरी तरह से पापकर्म है।”

प्रधानमंत्री पर चुटकी लेते हुए तृणमूल अध्यक्ष व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, “गांधीजी देश के राष्ट्रपिता हैं। मोदी जी क्या हैं???”

आप नेता केजरीवाल ने ट्वीट किया, “गांधी बनने के लिए वर्षो तपस्या करनी पड़ती है। केवल चरखा चलाकर कोई गांधी नहीं बन सकता, लोग केवल इसकी हंसी उड़ाएंगे।”

उधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने घटना को तूल नहीं देने की कोशिश की। केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने जोर दिया कि गांधीजी की जगह कोई नहीं ले सकता।

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री मिश्र ने कहा, “ऐसा नहीं है कि मोदी ने गांधी की जगह ले ली है। कैलेंडर के पन्ने महीनों के आधार पर हैं और केवल एक पन्ने पर मोदी की तस्वीर है।”

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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