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जम्मू-कश्मीर में 1 मार्च को बनेगी पीडीपी-भाजपा सरकार!

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जम्मू। जम्मू-कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद एक मार्च को राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। वहीं, भाजपा के निर्मल सिंह उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं। मंगलवार को पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बीच नई दिल्ली में मुलाकात के दौरान दोनों पार्टियों में न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) पर भी सहमति बन गई। बैठक के बाद शाह ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों पार्टियों के बीच अलग-अलग मुद्दों पर बात हो रही थी लेकिन अब सीएमपी पर करीब-करीब सहमति बन गई है।

एक शीर्ष सूत्र ने बताया कि मुफ्ती का राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में एक मार्च को शपथ लेना तय हो गया है। यदि सब कुछ तय कार्यक्रम के अनुरूप रहा, तो मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व में अगले छह साल के लिए पीडीपी-भारतीय जनता पार्टी गठबंधन की सरकार सत्ता संभालेगी। पीडीपी के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह जम्मू विश्वविद्यालय के जोरावर सिंह मेमोरियल ऑडिटोरियम में आयोजित किया जाएगा। मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले पीडीपी नेताओं में अब्दुल रहमान वीरी, नईम अख्तर, हसीब द्रबु, जुल्फीकार चौधरी, अब्दुल हक खान और अल्ताफ बुखारी के नाम शामिल हैं।

वहीं, भाजपा के बाली भगत, शाम चौधरी, कवींद्र गुप्ता, चौधरी लाल सिंह और अब्दुल गनी कोहली भी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं।
सूत्र ने बताया कि मुफ्ती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी सप्ताह के अंत में मुलाकात करेंगे और पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का आग्रह करेंगे। उधर, भाजपा सूत्रों का कहना है कि पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद गनी लोन भी मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं, जिन्होंने भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की है।

उल्लेखनीय है कि जम्मू एवं कश्मीर की 87 सदस्यीय विधानसभा में पीडीपी के पास 28 सीटें हैं, जबकि भाजपा के पास 25 सीटें हैं। राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए किसी भी पार्टी को 44 सीटों के साधारण बहुमत की आवश्यकता है। जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा चुनाव के बाद किसी भी पार्टी द्वारा सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किए जाने की स्थिति में आठ जनवरी 2015 को यहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था।

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भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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