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मप्र : कांग्रेस ने शिवराज के मंत्रियों के खिलाफ खोला मोर्चा

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भोपाल | इसे भारतीय जनता पार्टी की ब्यूह रचना में कांग्रेस का उलझना कहें या कांग्रेस की अंदुरुनी गुटबाजी का नतीजा कि हमेशा निशाने पर रहने वाले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जगह अब उनकेकुछ मंत्री आ गए हैं। इसे राज्य में कांग्रेस के बदलते रुख के तौर पर भी देखा जा रहा है।

मामला चाहे डंपर कांड रहा हो या व्यापमं का, कांग्रेस के निशाने पर सिर्फ मुख्यमंत्री चौहान ही रहे हैं, कांग्रेस की कोशिश रही है कि भारतीय जनता पार्टी के उस चेहरे को ही दागदार बना दिया जाए, जिसके बल पर वह पिछले दो चुनाव जीती है। यही कारण रहा कि विधानसभा से लेकर सड़क तक पर कांग्रेस ने शिवराज पर हमला बोलने में कसर नहीं छोड़ी है। राज्य की राजनीति में अभी व्यापमं का मुद्दा ठंडा नहीं पड़ा है और कांग्रेस के कई नेता गाहे-बगाहे व्यापमं राग छेड़ भी जाते हैं, मगर कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे ने नया मामला उठा दिया है और यह है डीमेट का। उनका आरोप है कि डीमेट के जरिए भाजपा नेताओं तथा मंत्रियों ने अपने बेटा-बेटी सहित नाते रिश्तेदारों के निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में दाखिले कराए हैं।

कटारे अब तक डीमेट से दाखिला दिलाने के मामले में आधा दर्जन मंत्रियों और पूर्व मंत्रियों सहित कई भाजपा नेताओं के नामों का खुलासा कर चुके हैं। यह बात अलग है कि उनके हमले के नए हथियार के वार से मुख्यमंत्री बचे हुए हैं। वहीं कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा का कहना है, “कांग्रेस का रुख नहीं बदला है, मुख्यमंत्री शिवराज के घपलों, घोटालों के खुलासे का क्रम जारी रहेगा। जहां तक डीमेट के मामले की बात है, इस पर मैं चुप रहूंगा।” भाजपा के संवाद प्रमुख डॉ. हितेश वाजपेयी डीमेट को लेकर मंत्रियों पर कटारे द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को कटारे की नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी बचाने की कोशिश करार देते हैं। वाजपेयी का कहना है कि कटारे के पास कोई तथ्य और कागज होते नहीं हैं, वह तो सिर्फ आरोप लगाकर मीडिया में जगह पाने की कोशिश करते हैं।

राज्य के वरिष्ठ पत्रकार शिव अनुराग पटेरिया डीमेट को लेकर कटारे की ओर से किए जा रहे हमलों को रणनीति का हिस्सा मानते हैं। उनका मानना है कि कांग्रेस अरसे से मुख्यमंत्री पर आरोप लगाती आ रही है, अब मंत्रियों पर आरोप लगाए गए हैं, कांग्रेस यह बताना चाहती है कि सिर्फ मुख्यमंत्री ही नहीं, पूरी सरकार ही भ्रष्ट है। राज्य की राजनीति में कांग्रेस और भाजपा के बीच चूहा-बिल्ली का खेल चल रहा है। कांग्रेस एक मामले को जोर-शोर से उठाती है, फिर शांत पड़ जाती है। अब डीमेट का नया मुद्दा उठाया है, देखना है कि इस पर कांग्रेस नेता कितने दिन कायम रहते हैं।

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बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस का फंदे से लटकता मिला शव, वाट्सएप पर लगाया था ऐसा स्टेटस

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भागलपुर। बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस अन्नपूर्णा उर्फ अमृता पांडेय की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई मरने से पहले अमृता पांडे ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखा है कि दो नाव पर सवार है उसकी जिंदगी…हमने अपनी नाव डूबा कर उसकी राह को आसान कर दिया। अमृता के इस स्टेटस से कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने सुसाइड किया है। हालांकि पुलिस अभी इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चलेगा।

परिवार वालों ने बताया कि करीब 3.30 बजे अमृता की बहन उसके कमरे में गई। वहां वह फंदे से लटकी हुई थी। आनन फानन में उसके फंदे से चाकू से काट​कर तत्काल परिवार वाले स्थानीय निजी अस्पताल ले गए, लेकिन वहां उसे मृत बता दिया गया। परिजनों ने बताया कि शुक्रवार की रात उन लोगों ने काफी मस्ती की थी। फिर अचानक से क्या हुआ। किसी को समझ नहीं आ रहा। परिजनों ने बताया कि अमृता की शादी 2022 में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी चंद्रमणि झांगड़ के साथ हुई थी। वे मुंबई में एनिमेशन इंजीनियर हैं। अब तक उन लोगों को बच्चे नहीं हैं।

अमृता ने मशहूर भोजपुरी एक्टर खेसारी लाल यादव समेत कई दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया है. साथ ही कई सीरियल, वेब सीरज और विज्ञापन में भी काम किया है। बहन के मुताबिक, अमृता कैरियर को लेकर काफी परेशान रहती थी। वह काफी डिप्रेशन में थी। इस वजह से वह इलाज भी करा रही थी। अमृता भोजपुरी फिल्मों के अलावा कुछ वेब सीरीज में काम में रही थी. हाल ही में अमृता की हॉरर वेब सीरीज प्रतिशोध का पहला भाग रीलिज हुआ है।

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