Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

भूमि विधेयक पर कोई समझौता नहीं : सोनिया

Published

on

भोपाल,कांग्रेस-अध्यक्ष,सोनिया-गांधी,संप्रग,विधेयक,मोदी-सरकार,भूमि-विधेयक,राजग,भाजपा

Loading

भोपाल | कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा पारित किए गए भूमि विधेयक पर कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने मोदी सरकार द्वारा लाए गए नए विधेयक को ‘किसान विरोधी’ करार दिया। बेमौसम बारिश के कारण देश के कई किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। किसानों से मिलने के लिए मध्यप्रदेश दौरे पर आईं सोनिया गांधी ने कहा कि पार्टी उस विधेयक पर अटल है जिसे 2013 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने पारित किया था।

सोनिया ने कहा, “आप जानते हैं कि भूमि विधेयक पर क्या हो रहा है। हम इस पर समझौता नहीं करेंगे। नया विधेयक किसान विरोधी है। हम उस विधेयक पर अटल हैं जिसे कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने पारित किया था।” उन्होंने कहा कि 2013 के भूमि विधेयक का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित कई पार्टियों ने समर्थन किया था। सोनिया गांधी ने कहा, “आप मुझे बताइये इस विधेयक में क्या कमी है। नया विधेयक किसानों के हित में नहीं है। यह कॉरपोरेट क्षेत्र को फायदा पहुंचाने के लिए तैयार किया गया है।” भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार ने नए भूमि विधेयक को नौ संशोधनों के साथ लोकसभा में पारित करा लिया है। लेकिन मोदी सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है इसीलिए सरकार ने इसे उच्च सदन में अभी पेश नहीं किया है।

कांग्रेस के अलावा विपक्ष की कई अन्य पार्टियों ने इस विवादास्पद विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए रैली निकाली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दोबारा से भूमि अधिग्रहण लागू करने पर अपनी सहमति दे दी है। पूर्व में जारी किए गए अध्यादेश की अवधि पांच अप्रैल को समाप्त हो रही है। सोनिया ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी किसानों के अधिकारों लिए लड़ाई लड़ रही है और इसे जारी भी रखेगी।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

Published

on

Loading

कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

Continue Reading

Trending