Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

भारत से रणनीतिक साझेदारी चाहता है ईरान

Published

on

Loading

नई दिल्ली| ईरान को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही तेहरान की यात्रा करेंगे। यह यात्रा नई भू-राजनैतिक चुनौतियों का सामना करने के लिए दोनों देशों को संयुक्त रणनीति बनाने में मदद देगी। साथ ही पेट्रोकेमिकल्स, खाद्य और भूतल परिवहन के क्षेत्र में अरबों डॉलर के समझौतों की भी बुनियाद रखेगी।

भारत में ईरान के राजदूत गुलाम रजा अंसारी ने आईएएनएस से कहा कि मोदी को ईरान आने का औपचारिक न्योता पहले ही दिया जा चुका है। उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि द्विपक्षीय रिश्तों और रणनीतिक भागीदारी को मजबूत करने के लिए यह यात्रा जल्द ही होगी।”

अंसारी ने कहा, मोदी और ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के बीच रूस के उफा में ‘सार्थक बातचीत’ हुई थी।

अंसारी ने परमाणु ऊर्जा मसले पर प्रतिबंध के काल में ईरान की सहायता करने के लिए भारत की खुलकर प्रशंसा की है। अब यह प्रतिबंध हट चुका है। अंसारी ने कहा, “इस मदद से दोनों देश नजदीक आए हैं। भारत ने कर्ज की एक विशेष श्रृंखला खोलकर ईरान को प्रतिबंध से जुड़ा दबाव को झेलने में मदद दी। ”

उन्होंने कहा, भारत पर बकाया आठ अरब डॉलर का इस्तेमाल ईरान में विकास की बड़ी परियोजनाओं में किया जा सकता है।

अंसारी ने कहा, “भारत और ईरान के बीच सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। ईरान, भारत को चाहबहार और बंदर अब्बास बंदरगाहों और उत्तर-दक्षिण कॉरीडोर से मध्य एशिया, अफगानिस्तान, रूस, काकेसस क्षेत्र और तुर्की तक के लिए रास्ता मुहैया करा सकता है।”

उन्होंने कहा, यह भी ध्यान देने वाली बात है कि अफगानिस्तान के मुद्दे पर दोनों देशों का रुख एक-सा है।

छह बड़ी शक्तियों के साथ हुए परमाणु करार पर उन्होंने कहा कि ओमान और कतर ने करार का समर्थन किया है। सऊदी अरब की कुछ शंकाएं हैं, लेकिन उन्हें दूर कर लिया जाएगा।

अंसारी ने कहा, “परमाणु करार एक ऐतिहासिक घटना है। खासकर यह उस समय हुआ है जब सीरिया, लीबिया, यमन, अफगानिस्तान में उथल-पुथल मची हुई है।”

उन्होंने कहा, “आज समय की मांग है कि इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठन से निपटा जाए जो सामीओं को मिटाकर एक खिलाफत का सपना देख रहा है। हमें इस बुराई को मिटाने के लिए आपस में सहयोग करना होगा।”

 

प्रादेशिक

गोयल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट कला विधि से बनाया पीएम मोदी का पोर्ट्रेट

Published

on

Loading

लखनऊ। गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हाईयर स्टडीज महाविद्यालय लखनऊ के ललित कला विभाग के छात्रों ने 30 फीट के आकार में स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट की कला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोर्ट्रेट बनाया।

यह दृश्य कला की नई विधा में धागे से बना पोर्ट्रेट अपने आप में खास है। इसे बनाने में कुल 30 घंटे का समय लगा। जिसमें धागे का वजन लगभग 15 किलो तथा उस धागे की कुल लंबाई लगभग 45 किलोमीटर है। छात्रों ने बताया कि चित्र के आकार में इस प्रकार की कला में यह अब तक का सबसे बड़ा आर्टवर्क है जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ द रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ द रिकॉर्ड तथा गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तावित है।

आठ छात्रों की टीम (ब्रेकअप टीम) का नेतृत्व बाराबंकी स्थित अमोली कला, रामनगर निवासी देवाशीष मिश्रा द्वारा किया गया। टीम के अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों में अभिषेक महाराणा, आदर्श शांडिल्य, लारैब कमाल खान, अभय यादव, सानिध्य गुप्ता, आरुषि अग्रवाल व कृतिका जैन का नाम शामिल है। इसका संचालन डॉक्टर संतोष पांडेय, प्राचार्य गोयल इंस्टीट्यूट आफ हायर स्टडीज महाविद्यालय ने किया। निरीक्षण श्रीमती शिखा पांडेय वह राकेश प्रभाकर द्वारा किया गया। इसमें ललित कला विभाग के प्राध्यापकों व समस्त छात्रों के सहयोग रहा।

Continue Reading

Trending