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बिजनेस

भारत, मोजांबिक तेल, गैस क्षेत्र में संबंध बढ़ाएंगे

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नई दिल्ली| केंद्रीय पेट्रेलियम एवं गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान के हालिया मोजांबिक दौरे के दौरान दोनों देशों ने मौजूदा निवेश से संबंधित सभी मुद्दों पर चर्चा की। यह जानकारी शनिवार को जारी एक बयान में दी गई। बयान में कहा गया है कि इस दौरान तेल एवं गैस सेक्टर के अन्य क्षेत्रों में सबंधों का विस्तार करने के तरीकों पर भी चर्चा की गई।

बयान में कहा गया है, “आपसी हित के कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी।”

प्रधान नौ, 10 अप्रैल को मोजांबिक के आधिकारिक दौरे पर थे।

मोजांबिक के खनिज एवं ऊर्जा संसाधन मंत्री प्रेडो काउटो से मुलाकात करने के अलावा प्रधान ने विदेश मंत्री ओल्देमीरो बलोई और प्रधानमंत्री अगस्टीनो रोसारियो से भी मुलाकात की।

बैठकों के बाद प्रधान ने ट्विटर पर लिखा, “मोजांबिक के प्रधानमंत्री से मुलाकात की, वह छह साल भारत में राजदूत रहे हैं और भारत के अच्छे मित्र हैं।”

उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “मोजांबिक के ऊर्जा मंत्री के साथ बैठक कामयाब रही, इसमें ऊर्जा संबंधों को बढ़ाने पर सहमति बनी। मोजांबिक प्राकृतिक गैस और कोयला समृद्ध देश है, भारतीय कंपनियों ने यहां अच्छा निवेश किया हुआ है।”

उन्होंने ट्विटर पर एक अन्य संदेश में बताया, “मोजांबिक के विदेश मंत्री के साथ बैठ हुई। उनके साथ दिल्ली में 14 नवंबर को होने वाले ऊर्जा सहयोग के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।”

भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों -ओएनजीसी विदेश, ऑयल इंडिया और भारत पेट्रोलियम- मोजांबिक के तटवर्ती रोवुमा क्षेत्र में पहले से ही निवेश कर रखे हैं।

बयान में कहा गया है, “यह विदेश में किसी एकल हाइड्रोकामर्बन परिसंपत्ति क्षेत्र में भारत के सबसे बड़े निवेशों में से एक है।”

इस यात्रा में ओएनजीसी विदेश, ऑयल इंडिया लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम, गेल, सेल के शीर्ष प्रतिनिधि और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी प्रधान के साथ थे।

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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