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भारत में मोबाइल फोन की बिक्री 26.5 करोड़ तक होगी : रपट

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फोन, 'भारतीय मोबाइल हैंडसेट,स्मा र्टफोन, स्मार्टफोन फैबलेट

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फोन, 'भारतीय मोबाइल हैंडसेट,स्मा र्टफोन, स्मार्टफोन फैबलेट

                                             smartphone

नई दिल्ली | देश में मोबाइल फोन की बिक्री का आंकड़ा साल के अंत तक 26.5 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है, जिसमें से 11.6 करोड़ फोन स्मार्टफोन होंगे।

मार्केट रिसर्च फर्म साइबर मीडिया रिसर्च (सीएमआर) की ‘भारतीय मोबाइल हैंडसेट बाजार की मासिक समीक्षा’ 2016 की तीसरी तिमाही रपट के मुताबिक, सितंबर तक कुल 19.75 करोड़ मोबाइल हैंडसेट की बिक्री हुई, जिसमें से 7.84 करोड़ की बिक्री अकेले तीसरी तिमाही के दौरान हुई।

सीएमआर के प्रमुख विश्लेषक (टेलीकॉम) फैसल कावूसा ने कहा, “इन वर्षो में स्मार्टफोन निर्माताओं ने ज्यादा से ज्यादा किफायती और बढ़िया हैंडसेट बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है।”

तीसरी तिमाही में बिके स्मार्टफोन्स में से 66 फीसदी भारत में निर्मित हैं।

कुल 98 फीसदी स्मार्टफोन गूगल के एंड्रायड ऑपरेटिंग सिस्टम वाले बिके, जिनमें 25 फीसदी से अधिक हैंडसेट प्रीलोडेड एंड्रायड मार्शमैलो सिस्टम आधारित थे।

रपट में कहा गया, “इस साल की तीसरी तिमाही में बिका हर दूसरा स्मार्टफोन 4जी क्षमता वाला था, जिसमें क्वालकॉम का चिपसेट था। वहीं, 66 फीसदी स्मार्टफोन फैबलेट थे।”

इनमें करीब 64 फीसदी स्मार्टफोन क्वैडकोर प्रोसेसरयुक्त थे, जबकि 29 फीसदी के प्रोसेसर की क्लॉक दर 1.3 गीगाहर्ट्ज थी।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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