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सतर्क  रहें ! प्रैंक ऐप करंसी चेक नहीं करता Modi Keynote ऐप

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सतर्क  रहें ! प्रैंक ऐप करंसी चेक नहीं करता Modi Keynote ऐप

कुछ लोगों ने अभी तक 500 और 2000 रुपये के नए नोटों को नहीं देखा है। इसका फायदा उठा कर कुछ शातिर अपराधी लोग स्कैन और प्रिंट करके तैयार किए गए फर्जी नोटों को चलाने की कोशिश कर रहे हैं और लोगों को ठगने की फिराक में हैं।  इससे लगी हुई कई तरह की अफवाह भी उठ रही है। ऐसी ही एक अफवाह ये आयी है कि प्रैंक ऐप मोदी कीनोट के जरिए ये जांच की जा सकती है कि नए नोट असली है या नकली।

इस ऐप को मस्ती में इस्तेमाल किया जा सकता है। मगर बहुत से लोग इस ऐप को यह कहकर प्रचारित करने लगे हैं कि इसके जरिए असली और नकली नोटों में फर्क किया जा सकता है। सोशल मीडिया पर यह बात फैल गई थी कि 500 और 2000 रुपये के नए नोट असली हैं या नकली, इस बात का पता Modi Keynote ऐप के जरिए लगाया जा सकता है। कहा जा रहा था कि अगर नोट पर विडियो प्ले हो तो समझो कि नोट असली है। जबकि हकीकत यह है कि न सिर्फ यह ऐप, बल्कि इस तरह के अन्य सभी ऐप प्रैंक ऐप हैं और ये करंसी की वैधता नहीं जांच सकते।

Modi Keynote ऐप फोन के कैमरे को इस्तेमाल करते हुए नोटों को स्कैन करता है। अगर सामने 500 और 2000 का नोट होता है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का वह विडियो प्ले होने लगता है, जिसमें उन्होंने पुराने नोटों को बैन करने का ऐलान किया था। दरअसल इस ऐप को इस तरह से डिवेलप किया गया है कि स्कैन होने पर नए नोट का रंग और डिजाइन नजर आए तो विडियो प्ले होने लगे। मगर यह ऐप असली और नकली नोट का फर्क पता नहीं कर सकता।

जांच की तो पाया कि कंप्यूटर स्क्रीन पर किसी नोट की तस्वीर लगाने के बाद उसे इस ऐप के जरिए स्कैन किया जाए तब भी विडियो प्ले होता है।  इसी तरह से अगर नए नोटों की फोटो कॉपी को भी स्कैन किया जाए, तब भी यह विडियो प्ले होगा। क्योंकि यह ऐप सिक्यॉरिटी फीचर्स चेक करने के बजाय सिर्फ नोट का डिजाइन देखता है। यानी इसके जरिए आप करंसी की जांच नहीं कर सकते।

इस ऐप को प्ले स्टोर से हटा दिया गया था, मगर अब Modi Keynote (Prank App) के नाम से लिस्ट है। डिवेलपर्स Barra Skull Studios ने लिस्टिंग में कई जगह पर मेंशन किया है कि यह फेक ऐप, सिर्फ प्रैंक के लिए और लोगों से गुजारिश है कि इसे करंसी चेक करने के लिए इस्तेमाल न करें। डिस्क्लेमर में कहा गया है कि यह सिर्फ मनोरंजन के लिए है।

इस ऐप के अलावा प्ले स्टोर पर अन्य कई सारे ऐप्स हैं, जो करंसी को चेक करने का दावा करते हैं। इसलिए सावधान रहें, असली और नकली नोट का फर्क पता न चले तो किसी जानकार व्यक्ति की मदद लें। एक बार असली नोट के फीचर्स देखकर उन्हें याद कर लें। ऐसे ऐप्स पर बिल्कुल भी भरोसा न करें, जो करंसी को चेक करने का दावा करें। इस तरह से यह पता नहीं किया जा सकता कि नोट असली है या नकली।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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