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भारत की विकास दर 7.5 फीसदी रहेगी : मूडीज

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नई दिल्ली | देश के आर्थिक परिदृश्य को स्थिर से बढ़ाकर सकारात्मक करने के करीब एक सप्ताह बाद वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने शुक्रवार को कहा कि भारत की विकास दर 2015 में 7.5 फीसदी रह सकती है। मूडीज एनालिटिक्स के सहायक अर्थशास्त्री फराज सैयद ने कहा, “भारतीय अर्थव्यवस्था चक्रीय उत्थान की ओर है। भावी परिदृश्य से पता चलता है कि घरेलू मांग बढ़ेगी।”

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि महंगाई दर कम होने के कारण भारतीय रिजर्व बैंक ने 2015 के शुरू में मुख्य दर में 50 आधार अंकों की कटौती कर दी है, जिससे निजी क्षेत्र पर दबाव घटा है। सैयद ने कहा, “निम्न दर और सरकार के अवसंरचना तथा विनिवेश संबंधी कार्यक्रमों से घरेलू बाजार पर आधारित उद्योगों में विकास दर्ज हो सकता है।” रिजर्व बैंक ने पहले 15 जनवरी और फिर चार मार्च को रेपो दर में 25 आधार अंकों की दो बार कटौती की है। रेपो दर वह दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक रिजर्व बैंक से छोटी अवधि के लिए कर्ज लेते हैं। रिजर्व बैंक ने सात अप्रैल की मौद्रिक समीक्षा में दरों को जस का तस छोड़ दिया। रिजर्व बैंक ने कहा कि कीमतों में और गिरावट दर्ज किए जाने और वाणिज्यिक बैंकों द्वारा आवास, वाहन और कॉरपोरेट ऋण की दरों में कटौती करने के बाद मुख्य दरों में और कटौती की जाएगी।

रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि मानसून के सामान्य रहने पर मौजूदा कारोबारी साल में विकास दर 7.8 फीसदी रह सकती है। उन्होंने हालांकि मानसून के सामान्य रहने को लेकर चिंता भी जताई। उन्होंने साथ ही साल के आखिर तक महंगाई दर के 5.8 फीसदी तक रहने का अनुमान जताया है। सैयद ने कहा कि रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि मौजूदा कारोबारी साल की प्रथम तिमाही में विकास दर साल-दर-साल आधार पर 7.3 फीसदी रह सकती है।

करीब एक सप्ताह पहले मूडीज ने भारत के आर्थिक परिदृश्य को स्थिर से सुधार कर सकारात्मक कर दिया था। एक अन्य रेटिंग एजेंसी फिच ने उसी दौरान देश के स्थिर परिदृश्य को बरकरार रखा था। एशियाई विकास बैंक ने 2015-16 में देश की विकास दर 7.8 फीसदी और 2016-17 में 8.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। 14 अप्रैल को विश्व बैंक ने कहा था कि आगामी कारोबारी साल में भारत की विकास दर बढ़कर आठ फीसदी रह सकती है।

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Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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